Uttarakhand Panchayat Chunav 2025 : हाईकोर्ट ने दी स्पष्टता: पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर नहीं लगी रोक, आयोग के सर्कुलर पर ही है स्टे

Uttarakhand Panchayat Chunav Prakriya: देहरादून: उत्तराखंड के नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने रविवार को राज्य निर्वाचन आयोग (Rajya Nirvachan Aayog) के इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की जिसमें आयोग ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया (Panchayat Chunav Prakriya) को प्रभावित न होने देने की मांग करते हुए पूर्व आदेश में स्पष्टता मांगी थी। कोर्ट ने यह साफ किया कि चुनाव प्रक्रिया (Chunav Prakriya) पर कोई रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि आयोग के 6 जुलाई के सर्कुलर पर ही स्टे लगाया गया है।

Update: 2025-07-14 11:13 GMT

Uttarakhand Panchayat Chunav Prakriya: देहरादून: उत्तराखंड के नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने रविवार को राज्य निर्वाचन आयोग (Rajya Nirvachan Aayog) के इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की जिसमें आयोग ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया (Panchayat Chunav Prakriya) को प्रभावित न होने देने की मांग करते हुए पूर्व आदेश में स्पष्टता मांगी थी। कोर्ट ने यह साफ किया कि चुनाव प्रक्रिया (Chunav Prakriya) पर कोई रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि आयोग के 6 जुलाई के सर्कुलर पर ही स्टे लगाया गया है। 

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता की दलीली

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ती जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया कि 11 जुलााई को दिया गया आदेश पंचायती राज अधिनियम के अनुरुप है।ऐसे में चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब आयोग की ही है। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता संजय भट्ट ने कोर्ट में दलील दी कि हाईकोर्ट के निर्णय से चुनाव प्रक्रिया (Chunav Prakriya) प्रभावित हो रही है , क्योकिं आयोग पहले ही संसाधन झोंक चुका है। यदि स्पष्टता नहीं मिली तो चुनाव आगे बढ़ाने में बाधा आएगी।

इन प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक

बता दें कि हाईकोर्ट ने रुद्रप्रयाग निवासी सतेंद्र सिंह बर्थवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी, जिनके नाम ग्रामीण और शहरी दोनों मतदाता सूची में दर्ज है। याचिकाकर्ता के अनुसार, पंचायत राज अधिनियम की धारा 9 (6) में स्पष्ट प्रावधान है कि ऐसा व्यक्ति जो एक से अधिक मतदाता सूची में नाम रखता है, वह पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) नहीं लड़ सकता। इसके बावजूद आयोग ने 6 जुलाई को एक सर्कुलर जारी कर ऐसे प्रत्याशियों के नामांकन स्वीकार कर लिए।

पूर्व आदेश में कोई बदलाव नहीं

इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कहा कि कोर्ट ने पूर्व आदेश में कोई बदलाव नहीं किया है और वह पूरी तरह वैध है। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट के स्पष्ट रुख के बाद अब चुनाव प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं मानी जानी चाहिए। प्रदेश के कई जिलों में अधिकारियों ने दोहरी मतदाता सूची वाले प्रत्याशियों के नामांकन पर अलग अलग निर्णय दिए हैं। कहीं ऐसे नामांकन रद्द हुए हैं तो कहीं स्वीकार किए गए, जिससे चुनाव प्रक्रिया में भम्र की स्थिति बन गई है।

कोर्ट के आधिकारिक आदेश का इंतजार

कोर्ट ने मौखिक रूप से स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रक्रिया जारी रखी जा सकती है, बशर्ते आयोग पंचायती राज अधिनियम के सभी नियमों का पूर्ण पालन करे। अब आयोग को अपने स्तर पर नियमों का अनुपालन करते हुए आगे की प्रक्रिया तय करनी होगी। फिलहाल कोर्ट के आधिकारिक आदेश का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद चुनावी प्रक्रिया में आगे की स्पष्टता और गति संभव होगी

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