Dehradun Racial Attack: ‘मैं भारतीय हूं…’ कहता रहा त्रिपुरा का छात्र, देहरादून में नस्लीय हमले के बाद मौत; 5 आरोपी गिरफ्तार

Dehradun Racial Attack: सेलाकुई में नस्लीय हमले में घायल त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की 17 दिन बाद मौत हो गई। पुलिस ने 5 आरोपियों को हिरासत में लिया।

Update: 2025-12-28 11:31 GMT

Dehradun Racial Attack: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नस्लीय हिंसा का गंभीर मामला सामने आया है, जहां त्रिपुरा के रहने वाले 24 वर्षीय छात्र एंजेल चकमा की मौत हो गई। एंजेल 9 दिसंबर को सेलाकुई थाना क्षेत्र में हुए हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया था और पिछले 17 दिनों से अस्पताल में भर्ती था। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामले में अब तक पांच लोगों को हिरासत में लिया है।

खरीदारी के दौरान हुआ विवाद

पुलिस के अनुसार, 9 दिसंबर को एंजेल अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ सेलाकुई इलाके में खरीदारी करने गया था। इसी दौरान कुछ स्थानीय युवकों ने दोनों पर नस्लीय टिप्पणियां शुरू कर दीं और उन्हें “चाइनीज” कहकर चिढ़ाने लगे। बताया जा रहा है कि आरोपी नशे की हालत में थे। जब दोनों भाइयों ने इसका विरोध किया तो विवाद हिंसक हो गया।

‘हम चीनी नहीं, भारतीय हैं’

जांच में सामने आया है कि एंजेल ने आरोपियों से कहा था, “हम चीनी नहीं हैं, भारतीय हैं। हमें अपनी भारतीयता साबित करने के लिए कौन सा प्रमाण पत्र दिखाना होगा?” इसी बात के बाद आरोपी और भड़क गए। धारदार हथियार से किए गए हमले में एंजेल की गर्दन और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आईं। बीच-बचाव करने आए उसके छोटे भाई माइकल भी गंभीर रूप से घायल हो गए।

17 दिन बाद अस्पताल में मौत

हमले के बाद एंजेल को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह 17 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करता रहा। इलाज के दौरान उसकी हालत में सुधार नहीं हो सका और अंततः उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने मामले में हत्या से जुड़ी धाराएं भी जोड़ दी हैं।

5 गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार

पुलिस ने इस मामले में कुल छह आरोपियों की पहचान की है। इनमें से पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें दो नाबालिग शामिल हैं जिन्हें सुधार गृह भेजा गया है। मुख्य आरोपी यज्ञ अवस्थी अभी फरार है। पुलिस को आशंका है कि वह नेपाल भाग गया है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

मुख्यमंत्री का बयान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि राज्य में नस्लीय हिंसा जैसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि फरार आरोपी को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

पूर्वोत्तर में आक्रोश

27 दिसंबर को एंजेल चकमा का शव अगरतला लाया गया, जहां लोगों में गहरा आक्रोश देखा गया। त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए। यूनिफाइड त्रिपुरा स्टूडेंट्स एसोसिएशन, देहरादून सहित कई संगठनों ने कैंडल मार्च निकालकर न्याय की मांग की। यह मामला एक बार फिर देश में नस्लीय भेदभाव और बाहरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहा है।

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