भिखारी महिला के घर से निकला खजाना! अचानक रातों-रात हुई मालामाल; गांव वालों के उड़े होश..जानें पूरा मामला

Update: 2025-10-26 10:45 GMT

Uttarakhand News

देहरादून। उत्तराखंड के रुड़की-मंगलौर शहर के पठानपुरा इलाके से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ पिछले लगभग 13 सालों से सड़क किनारे भीख माँगकर गुज़ारा करने वाली एक मानसिक रूप से कमजोर महिला के पास से लाखों रुपये की नकदी और भारी मात्रा में सिक्के बरामद हुए हैं। यह घटना सुनकर स्थानीय लोग और पुलिस दंग हैं। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि, भीख माँगने वाली एक महिला के पास इतनी बड़ी हो सकती है।

ऐसे गुजार रही थी जिंदगी

स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह महिला करीब 13 सालों से इसी मोहल्ले में एक पुराने मकान के बाहर रहती थी। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी और वह बोलने में भी असमर्थ थी। मोहल्ले के लोग दया करके उसे खाना या कुछ पैसे दे दिया करते थे। लेकिन, किसी ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह इतने लंबे समय से चुपचाप इतनी बड़ी रकम जमा कर रही थी।

सामान हटाते ही खुला राज़

यह चौंकाने वाला मामला तब सामने आया जब कुछ लोगों ने साफ-सफाई के इरादे से महिला को वहाँ से हटाने की कोशिश की और उसका पुराना सामान और बोरे- झोले उठाए। जैसे ही एक बोरा नीचे गिरा, उसमें से अचानक नोटों की गड्डियाँ और सिक्के बाहर निकल कर गिरने लगे। इस दृश्य को देखकर वहाँ मौजूद सभी लोगों की आँखें खुली की खुली रह गईं।

कैश और 17 किलो सिक्के बरामद

लोगों ने जब महिला का सारा सामान खोलकर देखा तो उसमें ढेरों सारे नोट थे, जिसके बाद उसपर सब शक की निगाह से देखने लगे, महिला से बार बार पूछने के बावजूद उसने यहीं बात कहा की ये मेरे जमा किये हुए पैसे है, जिसके बाद इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई, खबर सुनते ही मंगलौर कोतवाली की पुलिस फौरन मौके पर पहुँची।

पुलिस को बुलाया तो, इतने सारे पैसे गिनकर वे भी हैरान रह गए। महिला के बोरों से कुल एक लाख रुपये से ज़्यादा की नकद रकम निकली। इस नकदी में मुख्य रूप से 10 और 20 रुपये के नोट थे, साथ ही कुछ 50 और 100 रुपये के नोट भी शामिल थे। इसके अलावा, 1 रुपये से लेकर 10 रुपये तक के सिक्कों का एक बड़ा ढेर भी मिला, जिसका कुल वजन लगभग 17 किलोग्राम था।

पुलिस करेगी मदद और इलाज

पुलिस इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने बताया कि, यह महिला दिमागी तौर पर ठीक नहीं है और कुछ बोल भी नहीं पा रही है। उसके पास अपनी पहचान साबित करने के लिए कोई कागज़ या पहचान पत्र भी नहीं मिला है। इसलिए, पुलिस ने फैसला किया है कि जो पैसे मिले हैं, उन्हें अमानत के तौर पर थाने में सुरक्षित रखा जाएगा। साथ ही महिला को अब एक सुरक्षित जगह भेजा जाएगा, जहाँ उसे इलाज और रहने-सहने की अच्छी सुविधा यानी पुनर्वास प्रदान किया जाएगा, ताकि उसकी ठीक से देखभाल हो सके।

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