Operation Kalnemi: जानिए क्या है 'ऑपरेशन कालनेमि', रामायण से जुड़ी है कहानी, पुलिस ने कई लोगों को किया गिरफ्तार

Operation Kalnemi Kya Hai: देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami Uttarakhand) के निर्देश पर 'ऑपरेशन कालनेमि' (Operation Kalanemi) का आगाज हो चुका है। इस अभियान का मकसद प्रदेश में धर्म के नाम पर ढोंग रचने वाले लोगों की आस्था से खिलवाड़ करने वाले फर्जी बाबाओं और असामाजिक तत्वों की पहचान कर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। इस 'ऑपरेशन कालनेमि' (Operation Kalanemi) की शुरुआत होते ही पहले दिन प्रदेश भर के 38 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया, जिससे समाज में सकारात्मक संदेश गया है।

Update: 2025-07-12 05:44 GMT

Operation Kalnemi Kya Hai: देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami Uttarakhand) के निर्देश पर 'ऑपरेशन कालनेमि' (Operation Kalanemi) का आगाज हो चुका है। इस अभियान का मकसद प्रदेश में धर्म के नाम पर ढोंग रचने वाले लोगों की आस्था से खिलवाड़ करने वाले फर्जी बाबाओं और असामाजिक तत्वों की पहचान कर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। इस 'ऑपरेशन कालनेमि' (Operation Kalanemi) की शुरुआत होते ही पहले दिन प्रदेश भर के 38 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया, जिससे समाज में सकारात्मक संदेश गया है। 

रामायण से प्रेरित है नाम- ‘कालनेमि’

इस ऑपरेशन का नाम 'कालनेमी' रामायण काल (Ramayan Ka Kalanemi) के एक राक्षस से लिया गया है, जो छद्म वेश में हनुमान जी (Hanuman) को रोकने की कोशिश करता है । ठीक उसी प्रकार आज कुछ लोग संतों के वेश में अपराध और ठगी कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर अब उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Sarkar) की सख्त नजर है।

पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मिले निर्देश

उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Sarkar) ने इस पूरे अभियान को राज्यव्यापी स्तर पर फैलाने का निर्णय लिया है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कांवड़ यात्रा (Kawad Yatra), धार्मिक स्थलों और तीर्थ क्षेत्रों में लगातार सतर्कता बनाए रखें और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करें।

देहरादून और हरिद्वार में बड़ी कार्रवाई

'ऑपरेशन कालनेमि' (Operation Kalanemi) के पहले चरण में देहरादून से 25 बाबाओं को पकड़ा गया, जबकि हरिद्वार से 13 लोगों को हिरासत में लिया गया।। गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक बांगलादेशी नागरिक भी शामिल है, जोकि भेश बदलकर रह रहा था। पुलिस के मुताबिक, इन सभी लोगों ने खुद को साधु संत का रूप दिया हुआ था, लेकिन इनके पास कोई वैध पहचान पत्र या ठोस दस्तावेज नहीं थे। 

20 से अधिक आरोपी अन्य राज्यों से

इनमें से 20 से अधिक लोग उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा, असम जैसे राज्यों से आए थे, जो उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर झूठा आध्यात्मिक चोला पहनकर रह रहे थे। पूछताछ में अधिकतर आरोपी अपने स्थाई निवास, पेशा या धर्म कार्यों से संबंधित कोई भी साक्ष्य पेश नहीं कर पाए।

कांवड़ यात्रा से पहले सख्ती जरूरी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami Uttarakhand) ने स्पष्ट कहा है कि श्रावण मास की शुरुआत के साथ 11 जुलाई से कांवड़ (Kawad Yatra) यात्रा भी शुरु हो गई है। करोड़ों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में धार्मिक आस्था की आड़ में सक्रिय हो रहे असामाजिक तत्वों परल समय रहते रोक लगाना बेहद आवश्यक है। CM धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म की पवित्रता को ठेस पहुंचाकर देवभूमी की छवि धमिल करने की कोशिश करते हैं, जिसे सरकार किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी । उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन कालनेमि' (Operation Kalanemi) धर्म की रक्षा और सामाजिक विश्वास को मजबूत करने का अभियान है।


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