'समाधि पूजा' के बाद केदारनाथ धाम के कपाट हुए बंद, जानें क्यों होती है ये विशेष गुप्त पूजा, क्या है इसका महत्व?
Kedarnath Temple Closes
देहरादून। उत्तराखंड में स्थित भगवान शंकर के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भाई दूज के खास मौके पर 'समाधि पूजा' के बाद बंद कर दिए गए हैं। अब ये कपाट 2 मई के शुभ दिन प्रातः 7:00 बजे खुलेंगे। इस दौरान बाबा की डोली केदारनाथ मंदिर से 55 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर 25 अक्टूबर को उखीमठ पहुंचेगी। यहां अगले 6 महीने तक बाबा अपनी शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होंगे। श्रद्धालु भी 25 अक्टूबर से ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा के दर्शन कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री धामी रहे उपस्थित
इस खास अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा श्री केदारनाथ के दर्शन किए। साथ ही पंचमुखी डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल के प्रथम पड़ाव के लिए प्रस्थान करवाया। इस दौरान मंदिर के पुजारी बागेश लिंग तथा आचार्यगणों, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी सहित जिला प्रशासन, तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों ने पूर्व द्वार से मंदिर के गर्भगृह परिसर में प्रवेश किया तथा समाधि पूजा में शामिल हुए।
कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने सेना के बैंड तथा जयघोष के साथ पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान मंदिर परिसर में 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति और बाबा केदारनाथ के दर्शन किए।
मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
इसके आलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी ने इस शुभ अवसर पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि, दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप भव्य दिव्य केदार पुरी का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। धामों के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं का अभिवादन भी स्वीकार किया। संपूर्ण मंदिर परिसर 'जय बाबा केदार' तथा 'हर हर महादेव' के उद्घोष से गूंज उठा।
इस साल कितने तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन?
इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि, मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश में चारधाम यात्रा का सफल संचालन हुआ है। कपाट बंद होने तक रिकॉर्ड 17,68,795 तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए हैं। उन्होंने कहा कि, इस बार आपदा को छोड़ दें तो कुल मिलाकर केदारनाथ यात्रा सुगम एवं सुरक्षित रही है। जबकि पिछले यात्रा वर्ष 2024 में कुल 16,52,076 तीर्थयात्रियों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए थे।
इस बार पिछले वर्ष की तुलना में केदारनाथ पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या सवा लाख अधिक रही है। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी विभागों का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यात्रा समापन के पश्चात शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही शीतकाल के दौरान श्री केदारनाथ धाम में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहेंगे।
जानिए क्या होती है समाधि पूजा?
जानकारी के अनुसार, केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने से पूर्व की जाने वाली खास रस्म को 'समाधि पूजा' कहा जाता है। यह पूजा बेहद ही गोपनीय तरीके से की जाती है, जो कई घंटों तक चलती है। इस पूजा के दौरान बाबा का विभिन्न प्रकार के अनाज, फल, फूल व भस्म से श्रृंगार किया जाता है। मान्यता है कि, ऐसा करने से बाबा को ठंड से राहत मिलती है। इसके अलावा वे समाधि रूप में ध्यान के लिए चले जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इन छह महीनों के दौरान देव लोक से देवता यहां आकर बाबा श्री केदारनाथ की पूजा करते हैं। इस दौरान वे समाधि में रहते हैं, जिसे तपस्या और वैराग्य का प्रतीक भी माना जाता है। इस समाधि पूजा के बाद ही गर्भगृह को बंद कर दिया जाता है।