UP HMPV Virus Case: महाकुंभ से पहले बढ़ी चिंता, बढ़ने लगे HMPV वायरस के मामले, UP में मिला पहला केस

UP HMPV Virus Case: उत्तर प्रदेश में एचएमपीवी का पहला केस सामने आया है. राजधानी लखनऊ में एक महिला पोजिटिव पाई गई है. ऐसे वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

Update: 2025-01-09 09:17 GMT

UP HMPV Virus Case: भारत में एक तरफ जहाँ महाकुम्भ को लेकर जोर शोर से तैयारियां की जा रही है, दूसरी तरफ चीन के नए HMPV वायरस ने भारत में अपने पैर पसार दिए हैं. भारत में लगातार एचएमपीवी वायरस के मामले बढ़ते का रहे हैं. वहीँ अब उत्तर प्रदेश में एचएमपीवी का पहला केस सामने आया है. राजधानी लखनऊ में एक महिला पोजिटिव पाई गई है. ऐसे वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

जानकारी के मुताबिक़, 60 साल की महिला पोजिटिव पाई गई है. बुधवार को पीड़ित महिला को बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. जिसके बाद महिला को KGMU में भर्ती कराया गया था. प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बलरामपुर अस्पताल रेफर किया था. महिला का ब्लड टेस्ट किया गया. जिसमे HMPV वायरस की पुष्टि हुई है. बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील चौधरी ने बताया कि रात 11 बजे महिला को अस्पताल लाया गया था. महिला HMPV वायरस से संक्रमित है. 

बता दें भारत मे  एचएमपीवी के केस बढ़ते ही जा रहे हैं, अब तक 9 मामले सामने आ चुके हैं. जिससे लोगों की चिंता बढ़ने लगी है. वही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लोगों को वायरस से नहीं घबराने की सलाह दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "HMPV कोई नया वायरस नहीं है और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. श्री नड्डा ने कहा कि HMPV Virus की पहली बार पहचान वर्ष 2001 में हुई थी और यह कई वर्षों से दुनिया में फैल रहा है. 

HMPV क्या है?

इस वायरस को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी (HMPV) वायरस कहते हैं. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक यह वायरस नया है. 1958 से धरती पर मौजूद है. मगर 2001 में पहली बार वैज्ञानिकों ने इसे खोजा था. अब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन पाई है. यह वायरस ज्यादातर बच्चों और बूढ़े को अपनी चपेट में लेता है. एचएमपीपी वायरस आमतौर पर खांसने और छींकने, संक्रमित व्‍यक्ति के छूने या हाथ मिलने से फैलता है. आमतौर पर संक्रमित लोगों को खांसी-जुकाम की समस्‍या होती है लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए गंभीर हो सकता है. उनकी जान भी जा सकती है. क्योंकि यह संक्रमित मरीजों के फेफड़े को प्रभावित करती है. कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली, अस्थमा या श्वसन संबंधी समस्याओं वाले लोगों को ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है.

क्या है इस वायरस के लक्षण

गले में खराश, सिरदर्द और थकान.

खांसी, बुखार, ठंड लगना और नाक बहना

सांस लेने में दिक्कत होना

लगातार खांसी या गले में घरघराहट

सांस और फेफड़ों की नली में इन्फेक्शन

वायरस से बचने के लिए ये करें

विशेषज्ञों के अनुसार एचएमपीवी वायरस से बचने के लिए भीड़ वाली जगह से दूरी बना कर रखें, सर्दी खांसी बुखार वाले मरीजों के के संपर्क में नहीं आएं, सर्दी खांसी बुखार के लक्षण पर तत्काल स्थानीय अस्पताल में जांच कराएं. ताकि किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े. खांसते व छींकते समय मुंह व नाक को रूमाल से ढंके, अपने हाथों को साबुन एवं सेनेटाइजर से साफ करते रहें, यदि बीमार हैं तो घर पर रहें, ज्यादा पानी पीएं एवं पौष्टिक भोजन का सेवन करें.

ये काम न करें

सर्दी, खांसी व बुखार होने पर अथवा सामान्य स्थिति में भी टिशू पेपर का दोबारा इस्तेमाल न करें. बार-बार आंख नाक व मुंह को न छूएं. सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें तथा डाक्टर से सलाह लिए बिना किसी भी दवा का इस्तेमाल न करें.

Tags:    

Similar News