Digital Fasal Survey 2025: मुख्य सचिव ने अफसरों को किसी भी सूरत में इस डेट तक डिजिटल फसल सर्वे कंप्लीट करने दिया अल्टीमेटम
UP Digital Fasal Survey 2025: उत्तर प्रदेश सरकार अब किसानों से जुड़े कामों को लेकर सख्ती के मोड में दिख रही है। मुख्य सचिव एसपी गोयल ने साफ कहा है कि डिजिटल फसल सर्वे किसी भी हालत में 10 अक्टूबर तक पूरा हो जाना चाहिए।
UP Digital Fasal Survey 2025: उत्तर प्रदेश सरकार अब किसानों से जुड़े कामों को लेकर सख्ती के मोड में दिख रही है। मुख्य सचिव एसपी गोयल ने साफ कहा है कि डिजिटल फसल सर्वे किसी भी हालत में 10 अक्टूबर तक पूरा हो जाना चाहिए। इसके लिए सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को अल्टीमेटम जारी किया गया है।
मुख्य सचिव ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सभी अफसरों से बैठक की और साफ निर्देश दिए कि फसल सर्वे में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एसपी गोयल ने कहा कि यह एक टाइम-बाउंड काम है। सर्वे में लापरवाही करने वालों की खैर नहीं होगी। ज़रूरत पड़ने पर अधिक मैनपावर तैनात किया जाए और लेखपालों की मदद ली जाए। सर्वे के साथ-साथ सत्यापन (verification) का काम भी तेजी से होना चाहिए।
उन्होंने साफ किया कि पीएम किसान योजना की 1 अप्रैल 2026 वाली किस्त सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगी, जिन्होंने फॉर्मर रजिस्ट्री कराई है। इसलिए कृषि विभाग को इस काम में तेजी लाने के लिए भी निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि किसान पंजीकरण ही सरकारी योजनाओं का असली आधार बनेगा।
ग्राम स्तर पर काम की स्थिति
बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 91,631 ग्रामों में डिजिटल फसल सर्वे होना है। इनमें से...
67,209 ग्रामों (73.35%) में सर्वे शुरू हो चुका है।
10,031 ग्रामों (10.95%) में सर्वे पूरा हो गया है।
इन जिलों ने सर्वे में दिखाई तेज़ी
मिर्जापुर: 100% काम पूरा
ललितपुर: 90.47%
एटा: 84.58%
औरय्या: 81.24%
मुख्य सचिव ने सिर्फ फसल सर्वे ही नहीं, बल्कि आईएमएलसी कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का काम भी जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए। इससे जुड़े जिलों से कहा गया कि जमीन से जुड़े सभी मसले जल्द निपटाए जाएं।
बैठक में कौन-कौन थे मौजूद
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भारत सरकार के किसान कल्याण मंत्रालय के चीफ नॉलेज एडवाइजर राजीव चावला भी शामिल रहे। वहीं बैठक में प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, प्रमुख सचिव राजस्व रणवीर प्रसाद, आयुक्त और सचिव राजस्व परिषद कंचन वर्मा, एसीईओ यूपीडा हरि प्रताप शाही समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सरकार का मानना है कि डिजिटल फसल सर्वे और फॉर्मर रजिस्ट्री से यह गारंटी मिलेगी कि केवल सही किसानों को ही योजनाओं का लाभ मिले। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और किसानों को सीधे योजनाओं का फायदा पहुंच सकेगा।