Jhansi Medical College Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: 10 नवजात की जलकर मौत, अखिलेश, मायावती से लेकर चंद्रशेखर ने की जाँच की मांग

Jhansi Medical College Fire: उत्तर प्रदेश के झाँसी में दर्दनाक हादसा हो गया. झाँसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट में लगी आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गयी.

Update: 2024-11-16 06:38 GMT

Jhansi Medical College Fire: झाँसी: उत्तर प्रदेश के झाँसी में दर्दनाक हादसा हो गया. झाँसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट में लगी आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गयी. में आग की घटना के बाद यूपी में सियासत शुरू हो गई है. सीएम योगी आदित्यनाथ विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. अखिलेश यादव से लेकर मायावती और चंद्रशेखर आजाद ने इस मामले में कड़े सवाल किए हैं. 

अखिलेश यादव ने की कार्रवाई की मांग 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा, झाँसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है. सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि.

आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है. ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का. इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो. मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए.

जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं. ये सरकारी ही नहीं, नैतिक ज़िम्मेदारी भी है. आशा है चुनावी राजनीति करनेवाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जाँच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्रालय में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे. रही बात उप्र के ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ की तो उनसे कुछ नहीं कहना है क्योंकि उन्हीं के कारण आज उप्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की इतनी बदहाली हुई है. संकीर्ण-साम्प्रदायिक राजनीति की निम्न स्तरीय टिप्पणियाँ करने में उलझे मंत्री जी को तो शायद ये भी याद नहीं होगा कि वो ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ हैं। न तो उनके पास कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति, बस उनके नाम की तख़्ती है.

सबसे पहले उप्र भाजपा सरकार समस्त झुलसे बच्चों के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराए व जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है, उन समस्त शोक संतप्त परिवारों को 1-1 करोड़ संवेदना राशि दे. गोरखपुर न दोहराया जाए. 

दोषियों को सख्त कानूनी सजा: मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने नवजात की मौत पर शोक व्यक्त किया है. मायावती ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "यूपी, झाँसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत की अति-दुखद घटना से कोहराम व आक्रोश स्वाभाविक. ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरूरी. ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे.

चंद्रशेखर आजाद ने की उच्चस्तरीय जाँच की मांग

नगीना सीट सांसद और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. चंद्रशेखर आजाद ने कहा, उत्तर प्रदेश के जिला झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में लगी भीषण आग में 10 नवजात शिशुओं की असमय मृत्यु और 16 से अधिक बच्चों के घायल होने की घटना अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है. यह हादसा अस्पतालों में सुरक्षा और आपातकालीन उपायों की गंभीर कमी को उजागर करता है.

इस भयावह दुर्घटना से जिन परिवारों ने अपने नवजात शिशुओं को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. मैं प्रार्थना करता हूँ कि प्रकृति उन्हें इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे और घायल बच्चों को शीघ्र स्वस्थ करें. यह क्षति अपूरणीय है और इससे उबरना किसी भी माता-पिता के लिए अत्यंत कठिन होगा. उत्तरप्रदेश सरकार इस दुखद घटना में घायल सभी नवजात शिशुओं के समुचित और बेहतर इलाज की तत्काल व्यवस्था करें. इसके साथ ही, मृतक नवजात शिशुओं के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करें.

घटना में लापरवाही बरतने वाले संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए. साथ ही, मामले की निष्पक्ष और गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए किसी रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र जांच कमेटी का गठन किया जाए. इस दुखद घटना से सबक लेते हुए, प्रशासन को अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए. NICU जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित सुरक्षा जांच, अग्निशमन प्रणाली की निगरानी और अस्पताल कर्मचारियों का आपातकालीन प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके.

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