फर्जी जज और IPS बनकर 10 से ज्यादा लड़कियों से ठगी! 'स्पेशल-26'-'ब्लफ मास्टर' देख बनाया था प्लान; 25 लाख नकद समेत कई कीमती सामान बरामद

Update: 2025-10-22 12:01 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहाँ पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग विष्णु शंकर गुप्ता को गिरफ्तार किया है, जो महिलाओं और लड़कियों को शादी का झांसा देकर लाखों की ठगी को अंजाम देता था। इस काम में उसकी तलाकशुदा पत्नी आयुषी भी उसका साथ दिया करती थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस को उनके पास से पच्चीस लाख रुपये नकद और कई कीमती सामान बरामद हुए हैं। इसके अलावा, पुलिस को उसकी पत्नी के नाम पर उन्नाव में तीन प्लॉट का भी खुलासा हुआ है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, लखनऊ की रहने वाली केजीएमयू (KGMU) में कार्यरत एक नर्सिंग ऑफिसर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता उनकी शादी को लेकर काफी चिंतित थे, जिसके चलते उन्होंने मैट्रिमोनियल साइट पर फरवरी 2025 में विज्ञापन दिया था। विज्ञापन देखकर एक युवक ने फोन किया था। उसने सामने से अपना नाम वाराणसी निवासी अंशुमान विक्रम सिंह और आजमगढ़ में तैनात जज बताया था।

उसने आगे जानकारी देते हुए बताया कि वह वर्तमान में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के रूप में कार्यरत है, जिसके बाद उसने मेरे पिता से मेरा नंबर मांग लिया था। मुझे जुलाई में एक फोन आया था, जिसमें सामने से युवक बोल रहा था। उसने अपना नाम अंशुमान विक्रम सिंह (ACJ JD) बताया। लगातार उससे बातचीत होती रही। फिर अचानक एक दिन उसने कहा कि उसे एक नई गाड़ी लेनी है, जो तकरीबन एक करोड़ के आसपास की आएगी। उसने खुद को मजबूर बताते हुए कहा कि, "मैं न्यायिक अधिकारी हूँ। अगर एक करोड़ की गाड़ी खरीदी और पैसों का हिसाब नहीं दे पाया तो फंस जाऊँगा।"


जिसके बाद उसने मुझे अपने झांसे में लिया और मुझसे मदद के तौर पर कुछ पैसों की डिमांड की थी। जिसके बाद मैंने अपने सेविंग अकाउंट में से उसे 14 से 15 लाख रुपये दे दिए। उसने 30 जुलाई को अकाउंट से 13 लाख रुपये और 4 अगस्त को 1 लाख रुपये नकद निकाले थे। जिसके बाद उसने फिर 1 सितंबर को 6 लाख, 4 सितंबर को 20 लाख और 4 सितंबर को 19.50 लाख रुपये निकाले। 7 सितंबर को मैं जब कानपुर पहुँची, तो मुझे उस पर शक हुआ था, जिसके बाद वह अचानक मूवी छोड़कर भाग गया।

10 से ज़्यादा लड़कियों को ठगा

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह बात सामने आई है कि विष्णु शंकर गुप्ता ने 10 से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं को कभी आईएएस तो कभी आईपीएस बनकर ठगा है, जिसमें से एक युवती ने तो आत्महत्या भी कर ली है।

ऐसे देता था ठगी को अंजाम

पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने कहा कि, "लोग पैसा और पावर देखकर कुछ भी पड़ताल नहीं करते। कानपुर की शिक्षिका को भी मैंने फर्जी रुतबा दिखाकर फँसाया। उससे पैसे ठगे और अर्टिगा कार ले ली।" जब पुलिस ने उससे पूछा कि, "कार और ड्राइवर कहाँ से मैनेज करते हो?" उसने बताया कि "मेरे पास कार पहले से थी। मैं एक फुल ड्रेसअप वाला ड्राइवर कार चलाने के लिए मंगवाता था।"


जेल में पूछताछ के दौरान शातिर ने बताया था कि, वह एक बार अपने कुछ परिचितों के साथ दिल्ली गया था। जहाँ उन लोगों का किसी से विवाद हो गया था, जिस पर पुलिस मौके पर पहुँची, तो मैंने खुद को जज बताया। तो पुलिस वाले वापस लौट गए।

पुलिस जांच में बड़ा खुलासा

पुलिस की जाँच में यह बात सामने आई है कि, विष्णु शंकर ने एक बार अपनी पत्नी आयुषी को भी ठगी का शिकार बनाया था, जिसके बाद दोनों के बीच तलाक हो गया था। लेकिन बाद में आयुषी फिर विष्णु शंकर के साथ मिलकर इस ठगी को अंजाम देने में साथ देने लगी। उनके पास से एक अर्टिगा कार और 25 लाख रुपये नकद जब्त किए गए हैं, इसके अलावा अन्य कीमती सामान भी बरामद की गई है। उसने पत्नी के नाम से उन्नाव में तीन प्लॉट खरीदे हैं, जिनकी रजिस्ट्री पुलिस को जाँच में मिल गई है, जो कि उसके खिलाफ साक्ष्य के रूप में शामिल की जाएगी। आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की जाएगी। फ़िलहाल पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर आगे की जाँच शुरू कर दी है।

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