DGP Prashant Kumar News: बीमार व्यक्ति से नहीं होगी पूछताछ...पुलिस कस्टडी में मौत पर डीजीपी प्रशांत कुमार सख्त, पुलिस कर्मियों को दिए ये निर्देश

DGP Prashant Kumar News:पुलिस कस्टडी में होने वाली मौत को रोकने के लिए डीजीपी प्रशांत कुमार ने एक्शन लिया है.

Update: 2024-07-19 05:18 GMT
DGP Prashant Kumar News: बीमार व्यक्ति से नहीं होगी पूछताछ...पुलिस कस्टडी में मौत पर डीजीपी प्रशांत कुमार सख्त, पुलिस कर्मियों को दिए ये निर्देश

DGP Prashant Kumar

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DGP Prashant Kumar Newsलखनऊ: इन दिनों में पुलिस कस्टडी में मौत के कई मामले सामने आ रहे है. लगातार मौत के मामलों में इजाफा हो रहा है. जालौन जिले में कथित तौर पर पुलिस हिरासत के दौरान दी गई यातना के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. इस सबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राज्य सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया था. ऐसे में पुलिस कस्टडी में होने वाली मौत को रोकने के लिए डीजीपी प्रशांत कुमार ने एक्शन लिया है. 

डीजीपी प्रशांत कुमार ने दिए निर्देश 

उत्तरप्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने गुरुवार को कड़े निर्देश दिए हैं. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति अथवा आरोपी को पूछताछ के लिए थाना लाने से पहले इस बात की पुष्टि कर ली जाए कि वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित तो नहीं है. अगर वो गंभीर रोग से ग्रसित है तो व्यक्ति को थाने न लाया जाए. इसके अलावा अगर थाने पर लाए गए आरोपी या व्यक्ति की किसी कारण से जाने के व्यक्ति की आकस्मिक रूप से तबीयत बिगड़ती है तो उसे तुरंत अस्पताल लेकर जाएँ और उनका इलाज करवाएँ 

थाना प्रभारी या चौकी प्रभारी की जानकारी के बिना थाने अथवा पुलिस चौकी में किसी व्यक्ति को नहीं लाया जाए. यदि किसी को शक के आधार पर थाने लाया जाता है. तो इसका समुचित ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज किया जाए. 

मनोवैज्ञानिक ढ़ंग से हो आरोपी से पूछताछ 

किसी अपराधी या व्यक्ति से अधिकारी की मौजूदगी में ही की जाए. पूछताछ खुद थानेदार अथवा उसके द्वारा नामित निरीक्षक व उपनिरीक्षक के द्वारा ही की जाए. पूछताछ के मनोवैज्ञानिक ढ़ंग से धैर्य के साथ सवाल-जवाब किए जाएं. पूछताछ का पूरा विवरण भी रजिस्टर में जरूर दर्ज किया जाए. पूछताछ के दौरान किसी आरोपी की तबीयत बिगड़ने पर उसे तत्काल अस्पताल ले जाया जाए और उसकी वीडियोग्राफी भी की जाए. यदि पुलिस कस्टडी में किसी की मृत्यु होने पर 24 घंटे के भीतर मानवाधिकार आयोग को सूचना दी जाए.

सुप्रीम कोर्ट के डीके बसु बनाम स्टेट ऑफ बंगाल में पारित निर्णय में दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाए. इसके अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेशों व निर्देशों का भी पूरी तरह से पालन किया जाए. लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. 


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