एक जिले में दो SP….IPS जीतेंद्र शुक्ला, केएस पैकरा रिटर्न…?, सुकमा नक्सली वारदात से सरकार नाराज, बस्तर के कई जिलों के बदल सकते हैं एसपी

Update: 2020-03-23 14:37 GMT

NPG.NEWS
रायपुर, बस्तर, 23 मार्च 2020। बस्तर के सुकमा जिले के बुरकापाल नक्सली हमले में 17 जवानों की शहादत को मुख्यमंत्र.ी भूपेश बघेल ने बेहद गंभीरता से लिया है। पता चला है, कोरोना संकट नहीं होता तो आज बस्तर के कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों की छुट्टी हो जाती।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 15 महीने में यह सबसे बड़ा नक्सली हमला है, जिसमें 17 जवानों को जान गंवानी पड़ी। जबकि, कुछ दिनों से बस्तर में फोर्स नक्सलियों पर भारी पड़ रही थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसकी तारीफ की थी।
वैसे, बस्तर के कई जिलों में पुलिस का पारफारमेंस बेहद पुअर है। सरकारी की नोटिस में भी ये बात है। खासकर, कोंडागांव, सुकमा और बीजापुर। कोंडागांव में सीएम जब अमेरिका गए थे, तब धान खरीदी के समय किसानों पर लाठी चार्ज हो गया। और, बस्तर के सबसे संवेदनशील माने जाने वाले सुकमा और बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन पुअर है। आलम यह है कि जिस बुरकापाल इलाके में 17 जवान शहीद हुए, उस बुरकापाल में फोर्स का एक कैंप बनाया गया है। वहां, अभी तक वॉच टॉवर तक नहीं बनाया जा सका है। बुरकापाल के आसपास ग्रामीणों से पुलिस का समन्वय भी ठीक नहीं है। बुरकापाल कैंप की फोर्स से ग्रामीणों की कई बार झड़प हो चुकी है।
कल बुरकापाल नक्सली हमले के लिए मंत्री कवासी लकमा ने आपरेशन में चूक की बात कही थी। उन्होंने मीडिया से कहा, आपरेशन में एहतियातन सावधानी नहीं बरती गई। जाहिर है, शहीद 17 में से 14 जवान सुकमा के हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हालांकि, कोरोना के चलते 31 मार्च तक अपने सारे कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं। लेकिन, आज सुबह वे गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को साथ लेकर सुकमा गए। सीएम ने शहीद जवानों को श्रद्धांजति अर्पित की।
सुकमा से लौटते ही डीजीपी डीएम अवस्थी ने महासमुंद एसपी जीतेंद्र शुक्ला को सुकमा और दसवीं बटालियन के कमांडेंट केएस ध्रुव को बीजापुर एसपी को सहयोग करने का आदेश जारी कर दिया। यकीनन, यह सीएम के निर्देश पर ही हुआ होगा। क्योंकि, खबर है सुकमा दौरे मे ंसीएम को वस्तुस्थिति के बारे में अपडेट मिला था। इसके बाद आदेश जारी होने में देर नहीं लगी।
छत्तीसगढ़ में यह पहली बार हुआ कि किसी जिले के एसपी को सहयोग करने के लिए दूसरे जिले के एसपी की ड्यूटी लगाई गई होगी। ये सिर्फ चुनाव या फिर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के विजिट के दौरान होता है कि कई जिलों के एसपी की ड्यूटी लगाई जाती है। लेकिन, लॉ एंड आर्डर केस में इससे पहले कभी नहीं हुआ।
इस आदेश से दोनों पुलिस अधीक्षकों को काफी धक्का लगा होगा। कारण कि जीतेंद्र शुक्ला सुकमा में और धुव बीजापुर में एसपी रह चुके हैं। और, दोनों पुलिस अधिकारी ने बढ़ियां परफार्म किया था। ध्रुव जरूर प्रमोटी आईपीएस हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में नक्सलियों पर फोर्स ने काफी प्रेशर कायम कर लिया था।
वैसे, खबर यह भी है कि कोंडागांव, सुकमा और बीजापुर एसपी के नाम चेंज होने वाली लिस्ट में पहले से है। बलौदा बाजार एसपी नीतू कमल डेपुटेशन पर सीबीआई जा रही हैं। उनके रिलीव होने के साथ ही एक लिस्ट निकलनी है, उनमें इन जिलों के पुलिस अधीक्षकों के नामों की भी चर्चा थी। मगर कोरोना के चलते नीतू कमल की रिलिविंग रुक गई।
जीतेंद्र शुक्ला ने भी सुकमा एसपी रहते नक्सलियों को बैकफुट पर भेजने में अहम भूमिका निभाई थी। मंत्री कवासी लकमा विवाद में जीतेंद्र शुक्ला की सरकार ने छुट्टी कर दी। इसी तरह बीजापुर से मोहित गर्ग को हटाकर नारायणपुर भेज दिया गया।
दंतेवाड़ा में एसपी अभिषेक पल्लव, सुकमा में जीतेंद्र शुक्ला और बीजापुर में मोहित गर्ग, तीनों की तिकड़ी ने नक्सलियों के मूवमेंट को रोक दिया था। लेकिन, इनमें से सिर्फ अभिषेक पल्लव बच गए। दंतेवाड़ा में अभिषेक ने लोगो के बीच गहरी पैठ बना ली है। लोगों से संवाद करने के लिए उन्होंने गोंडी बोली तक सीख ली है। एक रिटायर डीजीपी मानते हैं कि सरकार को बस्तर में रिजल्ट देने वाले अफसरों की पोस्टिंग करनी चाहिए। साथ ही, राजनीतिक हस्तक्षेप से फ्रीडम मिले, तब वे बेहतर नतीजे दे पाएंगे।

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