Rat Hole Mining: क्या है रैट होल माइनिंग? 41 मजदूरों के निकलने पर हो रही चर्चा

Rat Hole Miners: उत्तराखंड की उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल(Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) में 17 दिन से फंसे सभी 41 मजदूरों को निकाल लिया गया है. मजदूरों के लिए रैट होल माइनर्स वरदान साबित हुए...

Update: 2023-11-28 16:28 GMT
Rat Hole Mining: क्या है रैट होल माइनिंग? 41 मजदूरों के निकलने पर हो रही चर्चा

Rat Hole Miners 

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Rat Hole Miners: उत्तराखंड की उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल(Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) में 17 दिन से फंसे सभी 41 मजदूरों को निकाल लिया गया है. मजदूरों के लिए रैट होल माइनर्स वरदान साबित हुए. मजदूरों और रेस्क्यू टीम के बीच 60 मीटर की दूरी थी. रैट माइनर्स (Rat-Hole Mining) ने सोमवार शाम से मैनुअली ड्रिलिंग का काम शुरू किया. 12 लोगों की टीम ने रातोंरात 58 मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग पूरी कर ली. मंगलवार को 2 मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा किया गया. जब टनल के आर-पार पाइप पुश किया गया, तो NDRF की टीमें टनल के अंदर दाखिल हुईं. इसके बाद बारी-बारी से सभी मजदूरों को बाहर निकाला गया.

चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन के आखिरी फेज में 25 टन की ऑगर मशीन के फेल हो जाने के बाद फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए सोमवार से रैट-होल माइनर्स की मदद ली गई. रैट माइनर्स 800MM के पाइप में घुसकर ड्रिलिंग की. ये बारी-बारी से पाइप के अंदर जाते, फिर हाथ के सहारे छोटे फावड़े से खुदाई करते थे. ट्राली से एक बार में तकरीबन 2.5 क्विंटल मलबा लेकर बाहर आते थे.

रैट-होल माइनिंग क्या है?

रैट-होल माइनिंग के मतलब से ही साफ है कि छेद में घुसकर चूहे की तरह खुदाई करना. इसमें पतले से छेद से पहाड़ के किनारे से खुदाई शुरू की जाती है. पोल बनाकर धीरे-धीरे छोटी हैंड ड्रिलिंग मशीन से ड्रिल किया जाता है. हाथ से ही मलबे को बाहर निकाला जाता है.

रैट-होल माइनिंग 4 फीट से कम चौड़ी जगह पर खुदाई करने की एक प्रक्रिया है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर कोयले की माइनिंग में खूब होता रहा है. झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर पूर्व में रैट होल माइनिंग जमकर होती है. लेकिन रैट होल माइनिंग काफी खतरनाक काम है, इसलिए इसे कई बार बैन भी किया जा चुका है.

रैट-होल माइनिंग पर क्यों लगा बैन?

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने साइंटिफिक नहीं होने के कारण रैट-होल माइनिंग पर 2014 में बैन लगा दिया था. लेकिन ये प्रक्रिया अभी भी बड़े पैमाने पर जारी है. पूर्वोत्तर राज्य में कई हादसों में माइनिंग करते वक्त रैट-होल माइनर्स की मौतें हुई हैं. 2018 में अवैध खनन (Illegal Mining) में शामिल 15 लोग बाढ़ वाली माइनिंग के अंदर फंस गए थे. दो महीने से ज्यादा समय तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सिर्फ 2 लाशें ही बरामद की जा सकी. ऐसा ही एक हादसा 2021 में हुआ. 5 माइनर्स बाढ़ वाली माइनिंग में फंस गए. रेस्क्यू टीम ने एक महीने तक कोशिश की और ऑपरेशन बंद करने से पहले 3 शव पाए गए थे. रैट होल माइनिंग से पर्यावरण प्रदूषण को भी जोड़ा जाता है.

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