Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र आज से शुरू, मोदी सरकार लाएगी ये 31 बिल, इन मुद्दों पर विपक्ष आक्रामक
Parliament Monsoon Session: संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह 11 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में मणिपुर हिंसा और दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। जिसमें 21 नए बिल हैं वहीं 10 बिल पहले संसद में पेश हो चुके।
Parliament Monsoon Session: संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह 11 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में मणिपुर हिंसा और दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। जिसमें 21 नए बिल हैं वहीं 10 बिल पहले संसद में पेश हो चुके। उन पर चर्चा होगी। विपक्ष ने आज मॉनसून सत्र से पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में बैठक बुलाई है। इस बैठक में विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर रणनीति बनेगी।
कांग्रेस ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने से संबंधित वीडियो को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि आज संसद का मानसून सत्र आरंभ होने के साथ ही विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) इस विषय पर सरकार से जवाब मांगेगा।
दरअसल, 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दल एक साथ आने की कोशिश में जुटे हैं। इसी क्रम में 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में कांग्रेस ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। बैठक में 26 विपक्षी दलों के नेता इकट्ठा हुए थे। इस नए गठबंधन को I.N.D.I.A नाम दिया गया। ऐसे में अब संसद के मॉनसून सत्र में भी यह गठबंधन केंद्र को मिलकर घेरेगा।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर के मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी 'चुप्पी' तोड़नी चाहिए। मनीष तिवारी समेत कांग्रेस के कई सांसदों ने मणिपुर के विषय को लेकर संसद के दोनों सदनों में कार्यस्थगन के नोटिस दिए हैं। जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़के 78 दिन हो गए हैं। उस भयावह घटना को बीते 77 दिन हो गए हैं जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और उनके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के 63 दिन बाद भी अपराधी अभी तक फरार हैं।"
उन्होंने दावा किया कि मणिपुर में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध के कारण शेष भारत को इस बात का जरा भी अंदाज़ा नहीं था कि मणिपुर में इतनी भयानक घटना घटी। कांग्रेस नेता ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "यह बिल्कुल अक्षम्य है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात करने या बयान जारी करने के लिए 76 दिनों तक इंतजार किया। "
उन्होंने सवाल किया, "क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधानमंत्री को इस घटना की जानकारी नहीं थी? मोदी सरकार, सब कुछ ठीक है जैसी बातें करना कब बंद करेगी? मणिपुर के मुख्यमंत्री को कब बदला जाएगा ? ऐसी और कितनी घटनाओं को दबाया गया है?" रमेश ने कहा, " जैसे ही आज से मानसून सत्र शुरू होगा, ' इंडिया' जवाब मांगेगा। चुप्पी तोड़िये प्रधानमंत्री जी!" मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है।
दिल्ली अध्यादेश पर घेरेगा विपक्ष
संसद के इस सत्र के दौरान दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश और इससे संबंधित विधेयक का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा और सरकार एवं विपक्ष के बीच इस पर तकरार होने के आसार हैं। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण से जुड़े इस अध्यादेश का विरोध कर रही है जिसे केंद्र सरकार ने मई में जारी किया था।
ये 31 बिल है सरकार की लिस्ट में
सत्र के दौरान सरकार के पास 31 ‘‘विधायी विषय’’ हैं। इनमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 शामिल है। इसके अलावा डाक सेवाएं विधेयक 2023, डिजिटल व्यक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक 2023, प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और आवश्यक संशोधन विधेयक 2023, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा निधि और बैंक विधेयक 2023 भी सूची में शामिल हैं।
राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2023, राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023, औषधि चिकित्सा उपकरण प्रसाधन सामग्री विधेयक 2023, जन्म और मृत्यु पंजीकरण संशोधन विधेयक 2023, जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2023, चलचित्र संशोधन विधेयक 2023, प्रेस और पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023, अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2023, खान और खनिज विकास और विनियम संशोधन विधेयक 2023, रेल संशोधन विधेयक 2023, राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान विधेयक 2023 को भी पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
सत्र के दौरान जैवविविधता संशोधन विधेयक 2022 और बहु राज्य सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक 2022 को चर्चा एवं पारित किये जाने के लिए पेश किया जा सकता है। बीजेपी और सहयोगी दलों के पास 105 सदस्य होने से मामला (बिलों को पास कराने का) सरकार के पक्ष में जा सकता है।