आज डाक्टरों की है हड़ताल …… प्राइवेट हास्पीटल में भी ओपीडी सेवा रहेगी बंद… जानिये किस बात का कर रहे हैं डाक्टर्स विरोध

Update: 2020-12-11 00:13 GMT

नयी दिल्ली 11 दिसंबर 2020। आज देश भर के डाक्टर हड़ताल पर है। देश भर में इसकी वजह से चिकित्सा सेवा की स्थिति चरमरा सकती है। शाम छह बजे तक क्लीनिक, डिस्पेंसरी और अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप रहेगी लेकिन आपातकालीन चिकित्सा और कोविड से जुड़ी उपचार सेवाएं जारी रहेंगी।डाक्टर केंद्र सरकार के उस आदेश का विरोध कर रहे हैं, जिसमें यूनानी और आयुर्वेद डाक्टरों को सर्जरी की भी अनुमति दे दी गयी है।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद छात्रों को सर्जरी करने की अनुमति देने से सरकार मिश्रितपैथी को जन्म दे रही है। इससे आने वाले दिनों में चिकित्सा पेशा भी खतरे में पड़ सकता है। सरकार को तत्काल इस पर रोक लगानी चाहिए। वहीं, इंटिग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आर पी पाराशर का कहना है कि जिस अनुमति को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, वह उचित नहीं है। आयुर्वेद ने पूरी दुनिया को सर्जरी दी है। अब अगर सरकार आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देती है तो इसमें गलत क्या है? आयुर्वेद चिकित्सकों का यह अधिकार है जिसे सरकार ने दिलाया है।

केंद्र सरकार ने हाल ही में एक अध्यादेश जारी कर आयुर्वेद में पोस्ट ग्रैजुएट करने वाले डॉक्टरों को 58 प्रकार की सर्जरी सीखने और प्रैक्टिस करने की भी अनुमति दी है। इस निर्णय से ऐलोपैथ के डॉक्टरों में काफी नाराजगी है। डॉक्टरों के संगठन आईएमए ने तो सरकार के इस फैसले को मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने की बात कही है और निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की है। पारंपरिक दवाओं की सर्वोच्च नियामक संस्था सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) ने अपने अध्यादेश में कहा है कि एमएस (आयुर्वेद) के डॉक्टर स्वतंत्र तौर पर 39 तरह की सर्जरी कर सकते हैं। वे कान, नाक, गले और आंख से जुड़े 19 तरह के ऑपेरशन की ट्रेनिंग हासिल कर सर्जरी सकते हैं। सरकार के उक्त निर्णय को लेकर ऐलोपैथ के डॉक्टरों में काफी नाराजगी है।

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