आपको हिला देंगे ये भयावह आंकड़ेः रोड एक्सीडेंट में एक साल में 5000 लोगों की जानें गईं, मौतों के बढ़ते आंकड़ों पर DGP डीएम अवस्थी नाराज, अफसरों से बोले…

Update: 2020-03-02 13:05 GMT

NPG.NEWS
रायपुर, 2 मार्च 2020। चौंकाने वाली खबर है…छत्तीसगढ़ में रोड एक्सीडेंट में एक साल में पांच हजार लोगों की जानें चली गइंर्। ये संख्या पिछले साल से करीब 600 अधिक है। याने रोड एक्सीडेंट में जान गंवाने वालों की संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है।

आंकड़ों पर गौर करें तो छत्तीसगढ़ में पिछले बरस हर दिन सड़क दुर्घटनाओं में 13 से 14 लोगों ने जानें गवां दी। वास्तव में ये आंकड़े भयावह है। राज्य में रोड एक्सीडेंट में जान गंवाने वालों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। पुलिस महकमे की एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि ज्यादतर दुर्घटनाएं शाम छह बजे से रात आठ बजे के बीच होती हैं।

डीजीपी डीएम अवस्थी ने आज यहां प्रदेश के सभी जिलों के यातायात प्रभारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में अवस्थी ने पिछले वर्ष प्रदेशभर में सड़क दुर्घटनाओं में हुई 4 हजार 9 सौ 56 मौतों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कहा कि जुर्माने से बड़ी लोगों की जान की कीमत है। यातायात प्रभारियों की जिम्मेदारी है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाएं। तेज गति वाहनों पर सख्त कार्रवाई करें।
अवस्थी ने सभी को निर्देशित किया कि एक माह के अंदर यातायात प्रभारी, जिलाबल के साथ ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जान की कीमत उसके परिवार के लिए बहुमूल्य है। ट्रैफिक पुलिस का कार्य ट्रैफिक व्यवस्था को सुधार कर लोगों को दुर्घटनाओं से बचाना है। लोगों को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए प्रत्येक जिले में स्पीड रडार लगायें। तेज गति वाले वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई करें। कार्रवाई का उद्देश्य लोगों को दुर्घटनाओं से बचाना होना चाहिए ना कि जुर्माना वसूलना। अवस्थी ने निर्देशित किया कि रात से सुबह तक स्पेशल पेट्रोलिंग कर तेज गति के वाहनों पर नियंत्रित करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह यातायात प्रभारियों की समीक्षा की जाएगी। जिसमें बिंदुवार समीक्षा कर जिम्मेदारी तय की जाएगी। अच्छा कार्य होने पर पुरस्कृत किया जाएगा और लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। समीक्षा बैठक में डीआईजी मयंक श्रीवास्तव, संजय शर्मा उपस्थित रहे।

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