इन 10 बैंकों का होगा विलय, 1 अप्रैल से लागू, जानिए इसका क्या होगा खाताधारकों पर असर…

Update: 2020-03-04 15:57 GMT

नई दिल्ली 4 मार्च 2020। मोदी सरकार ने बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 10 बड़े सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी मिल गई है। सरकार से मिली मंजूरी के बाद 1 अप्रैल से बैंकों का विलय लागू होगा। कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी के बाद 1 अप्रैल से 10 सरकारी बैंक विलय के बाद 4 बैंकों में बदल जाएंगे। आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय की ओर से 30 अगस्त 2019 को 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की गई थी। अब सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है।

मोदी कैबिनेट की अहम बैठक के बाद 10 बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी गई है। सरकार की मिली मंजूरी के बाद 10 बैंकों का विलय कर 4 बैंक बनाए जाएंगे। इस विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। इससे पहले साल 2017 तक देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 थी। सरकार ने बैंकों के एनपीए को कम करने के लिए विलय की घोषणा की है। सरकार ने सबसे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसके 6 सहयोगी बैंकों के विलय को मंजूरी दी।

बैंकों के विलय के बाद बनने वाले नए बैंक के खाताधारकों पर असर होगा। हालांकि बैंक खाताधारकों की जमापूंजी पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन बैंक खाते से जुड़े कागजातों को लेकर थोड़ी भागदौड़ करनी पड़ सकती है। खाताधारकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। खाताधारकों को नए अकाउंट नंबर और IFSC कोड की जानकारी आयकर विभाग में, इंश्योरेंस कंपनी, सेविंग स्कीम में अपटेड करनी होगी। ग्राहकों को नया नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू करवाना होगा। हालांकि न तो आपकी सेविंग पर कोई असलर होगा, न ही आपके लोन की ब्याज दर पर और न ही FD की ब्याज दर पर कोई असर होगा।

बता दें कि मीडिया में खबरें आ रही है कि मर्जर के बाद बैंकों के नाम भी बदल सकते हैं, लेकिन सरकार की ओर से इसकी घोषणा नहीं की गई। सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय को मंजूरी दी। इस विलय के बाद बनने वाला नया बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। वहीं सरकार ने केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक का विलय होगा। इस विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का चौथा बड़ा बैंक होगा। वहीं सरकार ने यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के विलय को मंजूरी दे दी। इस विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा।

 

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