एडिश्नल कलेक्टर के डाक्टर पर FIR के निर्देश को हाईकोर्ट ने किया रद्द…. भ्रूण लिंग परीक्षण मामले में कराया गया था मामला दर्ज… कोर्ट ने सुनवाई के बाद दिया ये महत्वपूर्ण फैसला

Update: 2020-01-15 15:49 GMT

बिलासपुर 15 जनवरी 2020। एडिश्नल कलेक्टर के डाक्टर पर FIR के निर्देश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। जस्टिस संजय के अग्रवाल की कोर्ट ने FIR के आदेश पर रोक के साथ-साथ कलेक्टर के निर्देश को भी रद्द कर दिया है। पूरा मामला भ्रूण लिंग परीक्षण से जुड़ा है। सरायपाली विकासखंड के चिकित्सा अधिकारी डॉ.अमृतलाल रोहलेदार ने खुद के खिलाफ हुए एफआईआर को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

डॉ. रोहलेदार पर घर में सोनोग्राफी मशीन लगाकर भ्रूण के लिंग का परीक्षण करने के मामले में एफआईआर दर्ज किया गया था। सिंगल बेंच ने डॉक्टरों के पक्ष में बड़ा और अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे किसी मामले में पुलिस सीधे किसी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती. पुलिस इस मामले को लेकर पीएनडीटी एक्ट में संबंधित क्रिमिनल कोर्ट में परिवाद पेश कर सकती है।

दरअसल एक स्थानीय नेता ने डा रोहलेदार पर आरोप लगाया था कि वो अपने घर में सोनोग्राफी मशीन रखनकर भ्रूण परीक्षण करते हैं। इस शिकायत के बाद एसडीएम ने डाक्टर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। जवाब में डाक्टर ने बताया था कि उनकी पत्नी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और पंजीकृत होने की वजह से वो सोनोग्राफी मशीन रख सकते हैं, हालांकि उन्होंने इनकार किया था कि ऐसी किसी भी तरह की जांच उनके द्वारा नहीं की जाती है।

इस मामले में जवाब से अंसतुष्ट जिला प्रशासन ने डाक्टर के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश जारी किये। इस आदेश को लेकर डाक्टर ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए डाक्टर के पक्ष में फैसला सुनाया है।

 

 

Tags:    

Similar News