चीफ जस्टिस की जिम्मेदारी संभालने ये दो जज कर रहे हैं 2000 किमी की सड़क यात्रा…..गुरुवार को राष्ट्रपति ने नियुक्ति का किया था आदेश जारी…. सड़क मार्ग से ही निकले हैं दोनों न्यायमूर्ति

Update: 2020-04-26 08:39 GMT

नयी दिल्ली 26 अप्रैल 2020। कोरोना संकट में सेवा..सहायता और समर्पण की शानदार मिसालें मिल रही है। डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों….पुलिसकर्मियों के अलावे देश के दो न्यायाधीश की भी इन दिनों देश भर में चर्चा है। ये दोनों न्यायाधीश अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए दो हजार किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं। दरअसल कोरोना संकट की वजह से देश में लॉकडाउन है और लॉकडाउन की वजह से ट्रेन व हवाई सेवा बंद है, ऐसे दो राज्यों के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दो हजार किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं, ताकि वो अलग-अलग राज्यों में बतौर मुख्य न्यायाधीश जिम्मेदारी संभाल सकें।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस विश्वनाथ समद्दर और जस्टिस दीपांकर दत्ता की हाल में ही नियुक्ति उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के तौर पर की है। दोनों सड़क मार्ग से अपने-अपने राज्यों में जिम्मेदारी संभालने के लिए निकले हैं, ताकि ट्रायल व न्याय वितरण प्रणाली जारी रहे।

कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस दीपांकत दत्ता अपने बेटे के साथ कार से कोलकाता से मुंबई के लिए निकले हैं। जहां उन्हें बाम्बे हाईकोर्ट में बतौर मुख्य न्यायाधीश चार्ज लेना है। यात्रा के दौरान कभी जस्टिस दीपांकर खुद तो कभी उनके बेटे कार चला रहे थे।

उसी तरह इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस विश्वनाथ समद्दर को मेघालय उच्च न्यायालय का चीफ जस्टिस बनाया गयाहै। वो इलाहाबाद से पहले कोलकाता पहुंचे और फिर कोलकाता से शिलांग पहुंचे। अपनी पत्नी के साथ पहुंचे जस्टिस विश्वनाथ कभी खुद तो कभी उनका ड्राइवर कार चलाकर मेघालय पहुंचे।

राष्ट्रपति ने गुरुवार को कोलकाता हाईकोर्ट से सीनियर न्यायधीश दीपांकर दत्ता को बाम्बे उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विश्वनाथ समद्दर को मेघालय हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया था।

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