Paris Olympics 2024: अविनाश साबले ने ओलंपिक में रचा इतिहास, इस बड़े रिकॉर्ड को तोड़ने वाले बने पहले भारतीय, जानिए कौन है...

Paris Olympics 2024: अविनाश साबले ने ओलंपिक में रचा इतिहास, इस बड़े रिकार्ड को तोड़ने वाले बने पहले भरतीय, जानिए कौन है...

Update: 2024-08-06 09:03 GMT

Paris Olympics 2024: नईदिल्ली। पेरिस, पांच अगस्त भारतीय एथलीट अविनाश साबले ने पेरिस ओलंपिक में सोमवार को यहां पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में अपनी हीट में पांचवें स्थान के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया. वह इस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले भारत के पहले एथलीट बन गये हैं. राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी साबले ने दूसरी हीट में आठ मिनट 15.43 समय के साथ पांचवां स्थान हासिल किया. तीन हीट के शीर्ष पांच-पांच स्थान पर रहने धावकों ने फाइनल का टिकट कटाया. साबले की हीट में मोरोक्को के मोहम्मद तिंडौफत ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आठ मिनट 10.62 सेकंड के समय के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया. सेना में नायक सूबेदार पदक पर काबिज साबले ने कई बार अपने ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बेहतर किया है. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आठ मिनट 09.94 सेकंड है जो उन्होंने पिछले महीने की शुरूआत में पेरिस डायमंड लीग हासिल किया था.

क्वालीफिकेशन में उन्होंने हालांकि अपना पूरा जोर नहीं लगाया और सिर्फ फाइनल में जगह पक्की करने पर ध्यान दिया. इस 29 साल के खिलाड़ी ने रेस की अच्छी शुरुआत की और पहले 1000 मीटर के बाद शीर्ष पर रहे. लेकिन इसके बाद कीनिया के अब्राहम किबिवोट ने बढ़त बना ली और साबले खिसककर चौथे स्थान पर फिसल गये. वह 2000 मीटर की दूरी को पांच मिनट 28.7 सेकेंड में पूरी करने के बाद तीसरे स्थान पर थे.

वह इसके बाद पांचवें स्थान पर खिसक गये लेकिन उन्होंने छठे स्थान पर काबिज अमेरिका के मैथ्यू विलकिनसन पर बड़ी बढ़त बनाने के कारण आखरी पलों में ज्यादा जोर नहीं लगाया. इस स्पर्धा का फाइनल भारतीय समयानुसार सात और आठ अगस्त की दरमियानी रात को होगा. इससे पहले किरण पहल अपनी हीट रेस में सातवें स्थान पर रहने के बाद महिलाओं की 400 मीटर में सेमीफाइनल में स्वत: जगह बनाने में असफल रहीं. अब वह रेपेचेज दौर में दौड़ेंगी.

कौन है अविनाश साबले...

भारत के स्टार स्टीपलचेज़र अविनाश साबले ने इस पीढ़ी के भारत के प्रमुख लंबी दूरी के धावक के रूप में खुद को स्थापित किया है.अविनाश साबले का जन्म 13 सितंबर 1994 को महाराष्ट्र के बीड जिले के मांडवा गांव में हुआ था. अविनाश मुकुंद साबले एक साधारण परिवार में पले-बढ़े.

बता दें कि सार्वजनिक परिवहन की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें अपने स्कूल जाने के लिए हर दिन छह किलोमीटर दौड़ना पड़ता था. साबले ने कभी भी बड़े होकर किसी भी खेल को अपना करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा था. साबले 12वीं कक्षा पास करने के बाद भारतीय सेना में भर्ती हुए और 5 महार रेजिमेंट का हिस्सा बने. वह सियाचिन, राजस्थान और सिक्किम में तैनात रहे. सेना के एथलेटिक्स कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अविनाश साबले ने 2015 में ही स्पोर्ट्स रनिंग के बारे में कुछ सीखा उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह 2017 फ़ेडरेशन कप में पांचवें स्थान पर रहे और फिर चेन्नई में ओपन नेशनल में स्टीपलचेज़ राष्ट्रीय रिकॉर्ड से सिर्फ 9 सेकेंड दूर रहे थे.

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