Olympian Manu Bhaker Biography in Hindi: ओलंपियन मनु भाकर का जीवन परिचय (जीवनी), जानिए कौन हैं भारत के लिए 2 पदक जीतने वाली ओलंपियन मनु भाकर?

Olympian Manu Bhaker Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth:– ओलंपियन मनु भाखर एक भारतीय ओलंपियन है। जिन्होंने भारत देश के लिए निशानेबाजी में ओलंपिक स्पर्धाओं में दो पदक जीते हैं। वे मूलतः हरियाणा राज्य की रहने वालीं हैं। मनु भाखर अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित हो चुकी हैं। 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी मनु ने गोल्ड मेडल जीता था। एक ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली मनु भाखर पहली भारतीय बन गई हैं। वह पेरिस ओलंपिक की तीन स्पर्धाओं में हिस्सा ले रहीं हैं।

Update: 2024-07-30 13:47 GMT

Manu Bhaker

( Olympian Manu Bhaker Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth )

नईदिल्ली। मनु भाकर एक भारतीय ओलंपियन है। मूलतः वह हरियाणा राज्य के झज्जर जिले की रहने वाली हैं। 22 वर्षीय मनु भाखर ने फ्रांस देश के पेरिस में आयोजित ओलंपिक गेम्स में इंडिविजुअल और मिक्स्ड टीम इवेंट में कास्य पदक जीता है। 2021 के टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर क्वालीफाइंग राउंड तक पहुंची थी पर पिस्टल खराब होने के चलते 55 मिनट में 44 शॉट की वजह सिर्फ 14 शॉट लगा पाई थीं और फाइनल की रेस से बाहर हो गई। टोक्यो ओलंपिक में पिस्टल खराब होने की वजह से मनु 12 नंबर पर रही थी। 2017 के नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में मनु ने 9 गोल्ड जीत कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। मनु भाखर ने शूटिंग में 12 साल बाद भारत को मेडल दिलाया है। मनु 10 मीटर एयर पिस्टल 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्सड और 25 मीटर पिस्टल इवेंट में शामिल हो रही है। टोक्यो ओलंपिक में मनु तीन इवेंट में उतरी थी। आईए जानते हैं उनके बारे में...

मनु भाकर हरियाणा के झज्जर के गोरिया गांव की रहने वाली हैं. मनु का जन्म 18 फरवरी 2002 को हुआ था। मनु के पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में काम करते हैं। जबकि मां सुमेधा भाकर यूनिवर्सल स्कूल की प्रिंसिपल रही थी। मनु की मां उन्हें डॉक्टर बनना चाहती थी इसके लिए पीएमटीकी मनु की मां उन्हें डॉक्टर बनना चाहती थी इसके लिए पीएमटी मनु की मां उन्हें डॉक्टर बनना चाहती थी इसके लिए मनु की मां उन्हें डॉक्टर बनना चाहती थी। इसके लिए पीएमटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी करवा रही थी। मनु के परिवार में कोई डॉक्टर नहीं है, जिसके चलते उनकी मां उन्हें डॉक्टर बनना चाहती थी। बायोलॉजी विषय में मनु बहुत होशियार भी थीं। उन्हें कोटा के कोचिंग में मेडिकल की तैयारी के लिए दाखिला भी करवाया गया था। पर उनके पिता रामकिशन उन्हें बॉक्सर बनाना चाहते थे। दरअसल मनु का बड़ा भाई बॉक्सिंग करता था। और नेशनल स्तर पर बॉक्सिंग में मेडल भी जीता था। मनु भी भाई की तरह बॉक्सिंग का प्रेक्टिस कर रही थी। पर एक दिन प्रैक्टिस के दौरान मनु की आंख में चोट लग गई और उनकी आंख बुरी तरह सूज गई। चोट लगने के बाद उनकी मां ने उनके पापा से कह दिया कि जिस गेम में बेटी को चोट लग सकती है वह गेम उसे नहीं खिलाएंगे। मनु ने मार्शल आर्ट्स की भी प्रैक्टिस कर चुकी है। वे थांग टा, स्केटिंग टेनिस और स्विमिंग जैसे खेलों में भी हाथ आजमा चुकी हैं। टांता मैं तीन बार की नेशनल चैंपियन मनु है। स्केटिंग में स्टेट मेडल जीत चुकी है। स्कूल की तरफ से स्विमिंग और टेनिस भी खेल चुकी है। क्रिकेटर बनने की चाह में भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की अकादमी भी ज्वाइन कर क्रिकेट की कोचिंग ली थी।

कैसे आईं शूटिंग में:–

मनु की मां सुमेधा भाखर जी यूनिवर्सल स्कूल में प्रिंसिपल थीं, वहां शूटिंग रेंज भी है। मनु की मां ने मनु को पापा के साथ उसे स्कूल में भेजा। मनु भाकर ने शूटिंग रेंज में पिस्टल उठाई और शूटिंग करने लगी। पहली बार में ही 10 नंबर पर निशाना लगाया। शूटिंग में उनकी दक्षता को देखते हुए स्कूल के फिजिकल टीचर अनिल जाखड़ ने मनु के माता-पिता से कहा कि शूटिंग में मनु को टाइम देने दीजिए, यह देश के लिए मेडल जीत कर लाएगी। जिसके बाद मनु ने शूटिंग में देश के लिए मेडल जीतने को अपना लक्ष्य बना लिया। मनु के फिजिकल टीचर अनिल जाखड़ ने मनु के माता पिता से कुछ दिनों के लिए शूटिंग की ट्रेनिंग देने मनु को भेजने के लिए कहा। यह वह वक्त था जब रियो ओलंपिक 2016 खत्म ही हुआ था। एक हफ्ते में ही मनु की शूटिंग में लगन को देखते हुए उनके पिता ने उनके लिए शूटिंग पिस्टल दिया। 1 साल प्रेक्टिस के बाद मनु ने नेशनल लेवल पर शूटिंग फेडरेशन के प्रोग्राम में मैं दाल जीतकर जूनियर प्रोग्राम के लिए सलेक्शन हासिल किया। वहां अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता यशपाल राणा से मुलाकात हुईं और वे मनु की ट्रेंड करने लगे।

शूटिंग में कैरियर:–

14 साल की उम्र में मनु ने शूटिंग की प्रैक्टिस शुरू कर दी। 15 दिन की प्रैक्टिस में महेंद्रगढ़ में हुए स्टेट कंपटीशन में हिस्सा लेकर पहले कंपटीशन में गोल्ड मेडल और 4500 रुपए प्राइज जीता। शूटिंग शुरू करने के सिर्फ 3 साल बाद 2017 में मनु नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में पूर्व ओलंपियन हिना सिद्धू को हराकर 10 मीटर एयर पिस्टल में रिकॉर्ड बनाया। नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में 9 गोल्ड मेडल जीतकर नेशनल रिकॉर्ड मनु ने बनाया था। 2018 में मनु ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उनकी प्रैक्टिस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उनकी मां डॉक्टर सुमेधा ने स्कूल की नौकरी छोड़कर मनु को रेगुलर प्रैक्टिस के लिए दिल्ली में डॉक्टर करणी सिंह शूटिंग रेंज में ले जाने लगी। 2018 में मनु ने इंटरनेशनल शूंटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन में दो गोल्ड जीते। 2020 में मनु भाखर को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।

2017 में मनु भाकर ने शूटिंग में इंटरनेशनल डेब्यू किया था। 2018 में ब्यूनस आयर्स में हुए युवा ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में मनु ने गोल्ड मेडल जीता था। मनु इसमें गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली इंडियन शूटर बनी। 2020 के टोक्यो ओलंपिक में मनु भाग करने पहली सीरीज में अच्छे स्कोर किया पर दूसरी सीरीज में उनका पिस्टल खराब हो गया। 2012 के बाद अब मनु ने शूटिंग में देश के लिए मेडल लाया है। इस बार ओलंपिक के लिए भारत के किस शूटर्स ने क्वालीफाई किया है। मनु इकलौती ऐसी शूटर है जो तीन इवेंट में हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने दो इवेंट में कांस्य पदक जीता है। रजत पदक जीतने से मात्र 0.1 अंक से वह चूक गईं।

मां करवाना चाहती हैं पीएचडी:–

2020 के पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने से वंचित मनु भाकर मैं शूटिंग छोड़ने का फैसला ले लिया था। वह विदेश जाकर फैशन डिजाइनिंग और मार्केटिंग मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहती थी जिसके लिए घर वालों ने भी हम ही भर दी थी। पर काफी दिनों तक वह शूटिंग से दूर नहीं रह पाई और फिर से दोबारा प्रेक्टिस ज्वाइन कर लिया। यह उनका सही फैसला रहा और उन्होंने पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीते। मनु की मां चाहती थी कि वह डॉक्टर बने। मनु डॉक्टर तो नहीं बन पाई पर उनकी मां कहती है कि मनु को वह पीएचडी जरूर करवायेंगी। ताकि उसके नाम के आगे डॉक्टर लग सके।

Full View

Tags:    

Similar News