Sachin Pilot की लव-स्टोरी, प्यार और बगावत के बाद शादी…. विदेश में पढ़ाई के दौरान हुई मोहब्बत, फिर गर्लफ्रेंड के CM पिता बने रोड़ा

Update: 2020-07-13 12:53 GMT

नईदिल्ली 14 जुलाई 2020। राजस्थान में सियासी हलचल तेज है। सचिन पायलट को लेकर चर्चाओं का दौर भी गर्म है। चर्चा ये भी है कि पायलट और गहलोत के बीच के मतभेद काफी गहरे हो चुके हैं। सियासी गलियारे में आई इस आंधी का दौरा कब खत्म होगा ये तो आने वाले कुछ दिनों में पता चलेगा। इस बीच सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट के ट्वीट का अंदाज कुछ बदला हुआ नजर आ रहा है।

सारा पायलट ने अपने ट्विटर हैंडल से 12 और 13 जुलाई को छह ट्वीट किए हैं, जो सभी राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक संकट को लेकर हैं। सभी ट्वीट में सारा पायलट ने सचिन पालयट के राजस्थान में कांग्रेस के लिए किए संघर्ष और वर्तमान स्थिति को पुरानी तस्वीरों और वीडियो के जरिए बयां करने की कोशिश की है। खास बात यह है कि राजस्थान की राजनीति में भूचाल आने से पहले के सारा के ट्वीट सामान्य हैं।

13 जुलाई की सुबह सारा पायलट ने चार पुरानी तस्वीरों को #Sachin_Pilot के साथ ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘सहन करने की हिम्मत रखता हूं, तो तबाह करने का हौसला भी रखता हूं…। ये चारों तस्वीर किसी प्रदर्शन के दौरान की है, जिनमें सचिन पायलट को चोट भी ​लगी है। माथे और हाथ से खून निकल रहा है। इनमें एक तस्वीर में कोई सचिन पालयट की गिरेबान पकड़े नजर आ रहा है। साथ ही एक तस्वीर बारिश के दौरान भी प्रदर्शन या रैली की है।

बता दें कि सचिन पायलट ने साल 2004 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की बेटी और उमर अब्दुल्ला की बहन सारा से शादी से शादी की थी। अब्दुल्ला परिवार इस शादी के खिलाफ था। यहां तक कि वे शादी में भी शरीक नहीं हुए। इसके बावजदू सचिन ने सारा अब्दुल्ला के साथ लव मैरिज की। प्यार से शादी तक के उनके इस सफर में और भी कई रोड़े थे। लेकिन वो कहावत है न – ‘जब प्यार किया तो डरना क्या…’। सचिन और सारा ने भी आखिरकार अपनी मंजिल पा ही ली। आइए जानते हैं उनकी खूबसूरत लवस्टोरी के बारे में…

सचिन ने अपनी पढ़ाई एयरफोर्स बाल भारती स्कूल, नई दिल्ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से की। इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद के आई.एम.टी से मार्केटिंग में डिप्लोमा किया। आगे की पढ़ाई के लिए वह लंदन चले गए। वहां उन्होंने पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की।

पढ़ाई के दौरान सचिन पायलट को मोहब्बत हुई थी जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से,एक बॉलीवुड फिल्म की तरह इन दोनों के प्यार के रास्ते में धर्म, जाति और राजनीति की रूकावटें थीं जिन्हें पार करना आसान नहीं था। बेहद ही संस्कारी परिवार कहे जाने वाले पायलट खानदान को एक मुस्लिम बहू नागवार थी तो वहीं कश्मीर सियासत का बड़ा नाम फारुख अब्दुल्ला को बर्दाश्त नहीं हो रहा था कि उनकी नूरे-नजर सारा का हमसफर एक हिंदू हो।

1990 के दशक में जब कश्मीर घाटी आतंकवाद से जूझ रही थी तब फारुक अब्दुल्ला ने बेटी सारा को पढ़ाई के लिए लंदन भेज दिया। सचिन और सारा की मुलाकात विदेश में पढ़ाई के दौरान हुई थी, दोनों अच्छे दोस्त बन गये थे। कश्मीरी बाला सारा की खूबसूरती के कायल तो सचिन पहले ही हो चुके थे लेकिन उनसे वो प्यार करने लगे है इस बात का एहसास उन्हें तब हुआ जब वो विदेश से पढ़ाई करके हिंदुस्तान आ गये और सारा विदेश में ही रह गईं।कहा जाता है कि इन दूरियों ने सारा-सचिन को पास कर दिया और सचिन ने सारा को फोन पर ही प्रपोज कर दिया। सारा के दिल में भी ना जाने सचिन कब से घर कर गये थे उन्हें तो बस एक आवाज की जरूरत थी और उन्होंने भी सचिन को अपना हमसफर चुन लिया लेकिन दोनों के बीच में मजहबी तलवार लटक रही थी लेकिन सचिन की जिद के आगे उनका परिवार झुक गया और सारा को बहू स्वीकार लिया लेकिन सारा के परिवार ने ये रिश्ता कबूल नहीं किया फिलहाल सारा और सचिन की शादी साल 2004 में हुई वो भी बिना फारूख और उमर की मर्जी के।

दीवार बनकर खड़ा था मजहब:तीन साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद दोनों ने ही अपने परिवार के बाकी सदस्यों को अपने रिश्ते के बारे में बताने का फैसला किया। पर मजहब अलग होने के कारण दोनों के ही घरवाले इस रिश्ते को स्वीकृति देने के पक्ष में नहीं थे। हालांकि सारा की मां क्रिश्चयन थीं, बावजूद इसके उनके पिता यानी फारुक अब्दुल्ला इस रिश्ते के खिलाफ थे। इसकी राजनीतिक वजहें भी थीं। इधर, सचिन के परिवार में भी मुस्लिम युवती को बहू के रूप में स्वीकार करने को कोई राजी नहीं था।

तमाम मुसीबतों को दरकिनार करते हुए साल 2004 में सचिन व सारा ने शादी का फैसला किया। सचिन की मां व कांग्रेस की सांसद रमा पायलट के दिल्ली के 20 कैनिंग लेन स्थित सरकारी आवास पर बिल्कुल ही सिंपल तरीके से दोनों परिणय सूत्र में बंधे। हालांकि, शादी में अब्दुल्ला परिवार से कोई भी शामिल नहीं हुआ। बताया जाता है कि उस दौरान फारुक अब्दुल्ला लंदन में थे, वहीं उमर अब्दुल्ला अपने अपेंडिक्स के ट्रीटमेंट के सिलसिले में दिल्ली के ही बत्रा अस्पताल में भर्ती थे। दोनों परिवारों के बीच इस रिश्ते को लेकर काफी वक्त तक तल्खी बनी रही।

हालांकि जब सचिन पायलट ने राजनीति में कदम रखा और वो दौसा से रिकार्ड वोट जीतकर मनमोहन सरकार में मंत्री बने तो फारूख ने उन्हें दिल से अपना लिया और खुल कर उन्हें अपना आशीष, प्यार और दुलार दे बैठे। आज सचिन-सारा दुनिया के सामने मिसाल हैं, दोनों के प्यार के आंगन में दो फूल यानी दो बेटे आरन और विहान खिलखिला रहे हैं।

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