Haryana Political Crisis: भाजपा की सरकार पर लटकी तलवार! 3 विधायकों ने वापस लिया समर्थन,जानिए क्या है हरियाणा में समीकरण?

Haryana Political Crisis: हरियाणा (Haryana) की राजनीति (Politics) में मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायकों (three independent MLAs) ने कांग्रेस (Congress) को अपना समर्थन दे दिया।

Update: 2024-05-07 13:02 GMT

Haryana Political Crisis: हरियाणा में राजनीतिक उतार-चढ़ाव की खबरें बहुत चर्चा में हैं। तीन निर्दलीय विधायकों के भाजपा से अलग हो जाने के बाद, भाजपा की सरकार अल्पमत में पहुंच गई है। पहले भी मनोहर लाल और रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया था, जिससे भाजपा के पास 46 विधायकों का समर्थन था।

नायब सैनी की अगर चुनाव जीत जाती है तो भाजपा के समर्थन की संख्या 44 हो जाएगी, लेकिन यह बहुमत की संख्या नहीं होगी। वर्तमान में, विधानसभा में 88 सदस्य हैं, जिसमें सरकार के पास अभी 43 विधायकों का समर्थन है। इससे सरकार अल्पमत में है।

हरियाणा में कांग्रेस के 30, जननायक जनता पार्टी के 10, और भाजपा के 40 विधायक हैं। निर्दलीय विधायकों की संख्या 6 हो गई है, क्योंकि रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया है। एक इंडियन नेशनल लोक दल के विधायक अभय चौटाला भी हैं। नायब सरकार से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय की लिस्ट में नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर, दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान और पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन के नाम शामिल हैं। क्या है

हरियाणा में समीकरण

बीजेपी और अल्पमत:

  • नायब सैनी सरकार को 41 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
  • हरियाणा लोकहित पार्टी के एक विधायक गोपाल कांडा भी समर्थन दे रहे हैं।
  • छह निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार का समर्थन दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री का इस्तीफा:

  • पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और रणजीत चौटाला ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है।
  • इसके कारण बीजेपी के पास 46 विधायक रह गए हैं।
  • अब तीन निर्दलीय विधायक भी अपना समर्थन वापस ले लिया है।

वर्तमान परिस्थितियाँ:

  • सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है, जबकि विधानसभा में कुल 88 सदस्य हैं।
  • बीजेपी 40 विधायकों के साथ है, जबकि कांग्रेस के पास 30 और जननायक जनता पार्टी के 10 हैं।
  • निर्दलीय विधायकों की संख्या 6 हो चुकी है।

मुख्यमंत्री का चयन:

अगर नायब सैनी चुनाव जीतते हैं, तो उनका समर्थन 44 विधायकों तक पहुंच जाएगा, लेकिन बहुमत 45 से बढ़ना चाहिए। इस समय सरकार अल्पमत में है।

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