घर लौटने साइकिल की चोरी, फिर चोर ने छोड़ा पत्र….”माफ कर देना जी, बरेली तक जाना है….मजदूर एवं मजबूर”………

Update: 2020-05-16 11:31 GMT

भरतपुर 16 मई 2020। प्रवासी मजदूरों का दर्द आये दिन सड़कों पर दिख रहा है। कोई पैदल ही सड़कों को नाप रहा है…तो कोई रिक्शा और ठेलों में लदकर घरों को पहुंच रहा है। इस दौरान कई मजदूर जान जोखिम में डालकर ट्रकों से घरों को लौटने को मजबूर हैं। हालांकि इनमें काफी बड़ी संख्या साइकिल से घर लौटते मजदूर की भी है। …हालांकि साइकिल से लौटते मजदूरों में से एक मोहम्मद इकबाल की चर्चा काफी है। दरअसल मोहम्मद इकबाल ने घर लौटने के लिए साइकिल चोरी की थी और चोरी की साइकिल से ही राजस्थान के भरतपुर से यूपी के बरेली लौटा। कमाल की बात ये रही कि साइकिल चोरी का कबूलनामा खुद इकबाल ने पत्र में किया था, जो उसने चोरी के बाद वहीं छोड़ा था।

दरअसल उत्तर प्रदेश के बरेली का रहने वाला मोहम्मद इकबाल अपने परिवार के साथ भरतपुर में मजदूरी का काम करता था। लॉकडाउन की वजह से उसकी रोजी रोटी बंद हो गई तो उसने 250 किलोमीटर दूर घर लौटने की कोशिश की, लेकिन अपने दिव्यांग बच्चे की वजह से वो पैदल नहीं चल पा रहा था। लिहाजा इकबाल ने पड़ोस के ही एक व्यक्ति साहब सिंह के घर की साइकिल चोरी कर ली और अपनी चोरी की मजबूरी और प्रायश्चित को जताते हुए एक पत्र वहीं छोड़ दिया। हालांकि चोरी के बाद साहब सिंह ने साइकिल खोजने की कोशिश की, लेकिन मिला नहीं…लेकिन कुछ दिन बाद एक दिन सफाई के दौरान पत्र मिला…तो जाकर इस चोरी की वजह सामने आ पायी।

पत्र में लिखा..
मजबूर इकबाल ने खत में लिखा है ‘मैं मजदूर हूं , मजबूर भी। मैं आपका गुनहगार हूं। आपकी साइकिल लेकर जा रहूं। मुझे माफ कर देना। मुझे बरेली तक जाना है। मेरे पास कोई साधन नहीं है और दिव्यांग बच्चा है। जो चल नहीं सकता। उसी के लिए उसे ऐसा करना पड़ रहा है। मैं आपसे माफी मांगता हूं।

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