Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: नक्सल क्षेत्र में वोटिंग से बढ़ी धड़कन: दूसरे चरण में 72.51 % मतदान, सबसे ज्यादा कांकेर में 73% वोटिंग, देखें कहां- कितनी हुई वोटिंग
Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण की 3 सीटों के लिए आज मतदान हुआ। शाम 6 बजे तक 72.51 प्रतिशत मतदान हुआ है। यह 2019 में हुए चुनाव से कम है। आयोग के अनुसार अभी यह आंकड़ा बढ़ेगा।
Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: रायपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में आज छत्तीसगढ़ की 3 सीटों के लिए मतदान हुआ। इसके साथ ही राज्य की 11 में से 4 सीटों पर वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है। बाकी बची 7 सीटों पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा।
दूसरे चरण में शामिल कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद का कुछ हिस्सा नक्सल प्रभावित है, लेकिन तीनों ही सीटों पर आज शांतिपूर्ण मतदान सपंन्न हो गया। चुनाव आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार शाम 6 बजे तक तीनों सीटों पर औसत 72.51 प्रतिशत वोटिंग हुई है। आयोग के अफसरों के अनुसार यह आंकड़ा तीनों सीटों के कई बूथ दुरस्थ क्षेत्रों में थे, ऐसे में वहां से मतदान दलों के लौटने के बाद आंकड़ा बढ़ेगा।
संसदीय सीट | 2024 | 2019 |
कांकेर | 73.50 | 74.27 |
राजनांदगांव | 71.13 | 76.04 |
महासमुंद | 72.93 | 74.51 |
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ज्यादा वोटिंग
तीनों संसदीय क्षेत्रों के नक्सल प्रभावित इलाकों में अधिक मतदान होने की खबर है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शामिल विधानसभा सीटों में 70 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई है। यह वोटिंग किसके पक्ष में हुआ है यह तो मगतणना के दिन ईवीएम खुलने के बाद ही पता चल पाएगा।
विधानसभा क्षेत्र | वोटिंग |
अंतागढ़ | 73.00 |
भानुप्रतापुर | 75.00 |
केशकाल | 73.58 |
कांकेर | 76.00 |
बिंद्रानवागढ़ | 78.84 |
मोहला मानपुर | 75.00 |
वोटिंग में कांकेर रहा सबसे आगे
मतदान के मामले में कांकेर के वोटर सबसे आगे रहे। वहां 73 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई है। वहीं, राजनांदगांव में भी लगभग 73 प्रतिशत मत पड़े हैं, जबकि महासमुंद में वोटिंग का औसत आंकड़ा 71 प्रतिशत तक ही पहुंच पाया है। कांकेर में सुबह से ही वोटर पूरे उत्साह में थे। इसका असर वोटिंग पर भी दिखा। तीनों सीटों में कांकेर शुरू से वोटिंग में आगे चलता रहा। वहीं राजनांदगांव में शुरुआत धीमी रही, लेकिन दोपहर बाद रफ्तार बढ़ गई। महासमुंद में शुरुआत में वोटिंग अच्छी थी, लेकिन बाद में गती धीमी पड़ गई।