राहुल बोले- लोगों को कर्ज नहीं, कैश की जरूरत …. सरकार को साहूकार नहीं, मां की तरह व्यवहार करना होगा

Update: 2020-05-16 08:00 GMT

नयी दिल्ली 16 मई 2020। आर्थिक पैकेज पर राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कर्ज नहीं बल्कि जनता के पॉकेट में सीधे कैश डालने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की मदद को किसानों, व्यापारियों और प्रवासी मजदूरों के लिए नाकाफी बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार की मदद कर्ज का पैकेट नहीं होना चाहिए. किसान, प्रवासी मजदूरों की जेब में सीधा पैसा जाना चाहिए।

राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यस्था तभी सुचारू रूप से चल पायेगी, जब लोगों के पॉकेट में पैसे होंगे। उन्होंने कहा कि सड़क पर चलने वाले प्रवासी मजदूरों को कर्ज नहीं पैसे की जरूरत है. बच्चा जब रोता है तो मां उसे लोन नहीं देती, उसे चुप कराने का उपाय निकालती है, उसे ट्रीट देती है. सरकार को साहूकार नहीं, मां की तरह व्यवहार करना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के लिए सरकार, विपक्ष और मीडिया सभी को मिलकर काम करना चाहिए. प्रभावित सभी लोगों के बैंक अकाउंट में सरकार को सीधे पैसे भेजना चाहिए।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैंने सुना है कि पैसे न देने का कारण रेटिंग है,अ गर आज हमने थोड़ा घाटा बढ़ा दिया तो बाहर की एजेंसियां भारत की रेटिंग कम कर देंगी और हमारा नुकसान होगा. मैं PM से कहना चाहता हूं कि हमारी रेटिंग किसान,मजदूर बनाते हैं. आज उन्हें हमारी जरूरत है,रेटिंग के बारे में मत सोचिए. हिन्दुस्तान की रेटिंग हिन्दुस्तान के लोगों से है.

राहुल गांधी ने कहा कि पैकेज में कर्ज की बात की गई है लेकिन इससे मांग शुरू नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को पैकेज पर फिर से विचार करना चाहिए, उसमें मांग को शुरू करने के लिए एक सेक्शन डालना चाहिए. पैसा देने की जरूरत है, अगर ऐसा नहीं किया तो बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होगा.

 

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