राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया याद गुरु घासीदास को .. दीक्षांत समारोह में बोले- “मनखे मनखे एक समान.. यह उपदेश आत्मसात करिए..आप सब राष्ट्र के लिए उल्लेखनीय योगदान दीजिए”

Update: 2020-03-02 07:18 GMT

बिलासपुर,2 मार्च 2020। केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरु घासीदास को याद करते हुए उनके संदेश को आत्मसात् करने का आग्रह किया। साथ ही दीक्षांत समारोह में पहुँचे छात्रों से आग्रह किया कि वे देश के विकास के लिए योगदान दें।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा-
“मनखे मनखे एक समान.. गुरु घासीदास जी का यह संदेश आत्मसात् करना चाहिए..सोमवार के दिन 1756 ईस्वी में गुरु घासीदास जी का जन्म हुआ.. यह सतनाम पंथ के अनुयायियों के लिए शुभ दिन है.. और आज ही यह दीक्षांत समारोह का आयोजन हो रहा है”

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वर्ण पदकों का जिक्र करते हुए दो स्वर्ण पदक पाने वाली क्वीन यादव का ज़िक्र किया और कहा –
“यह अनुपात 3:6 नहीं है..बल्कि 3:7 है, क्योंकि एक बेटी क्वीन यादव ने दो मैडल प्राप्त किया.. इसलिए नौ स्वर्ण पदक थे पर दस मेडल दिए गए.. बेटी क्वीन यादव आज क्वीन बन गई है”
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छात्रों से आह्वान किया-
“आप सब अपने अपने क्षेत्र राष्ट्र के लिए उल्लेखनीय योगदान दीजिए”

Tags:    

Similar News