Jharkhand Tender Ghotala: टेंडर घोटाले को लेकर गरमाहट! भाजपा ने लगाया बड़ा आरोप, मामले में CBI जांच की मांग

Tender Ghotale Ki CBI Jaanch Ki Mang: रांची: झारखंड की सियासत में एक बार फिर टेंडर घोटाले (Jharkhand Tender Ghotala) को लेकर गरमाहट बढ़ गई है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह (BJP Pradesh Pravakta Ajay Shah) ने रविवार को राज्य की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड में भ्रष्टाचार का संस्थागतकरण हो चुका है और खास तौर पर गृह विभाग में बड़े स्तर पर टेंडर सेटिंग और घोटाले हो रहे हैं।

Update: 2025-07-08 11:15 GMT

Tender Ghotale Ki CBI Jaanch Ki Mang: रांची: झारखंड की सियासत में एक बार फिर टेंडर घोटाले (Jharkhand Tender Ghotala) को लेकर गरमाहट बढ़ गई है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह (BJP Pradesh Pravakta Ajay Shah) ने रविवार को राज्य की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड में भ्रष्टाचार का संस्थागतकरण हो चुका है और खास तौर पर गृह विभाग में बड़े स्तर पर टेंडर सेटिंग और घोटाले हो रहे हैं।

भाजपा नेता का दावा

प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह (BJP Pradesh Pravakta Ajay Shah) ने दावा किया कि पिछले पांच वर्षों में गृह विभाग में संगठित सिंडिकेट के ज़रिए करोड़ों रुपए के टेंडर एक ही समूह की कंपनियों को मनमाने दरों पर दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले ही एक मंत्री टेंडर कमीशन घोटाले में जेल जा चुका है और अब एक और नया घोटाला सामने आया है, जो बेहद चौंकाने वाला है।

भाजपा नेता का बड़ा खुलासा

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह (BJP Pradesh Pravakta Ajay Shah) ने बताया कि टेंडर संख्या GEM/2022/B/2317532 में 23 में से 20 कंपनियों को तकनीकी आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया। केवल तीन कंपनियों, जेसी माइकल (कोलकाता), अरिहंत कॉर्पोरेशन (पटना) और लाइफलाइन सिक्योरिटी (दिल्ली) को पात्र मानकर ठेका दिया गया। भाजपा नेता ने खुलासा किया कि इन तीनों कंपनियों के डायरेक्टर या प्रोप्राइटर आपस में जुड़े हुए हैं, जिससे इस गठजोड़ की साजिश का स्पष्ट संकेत मिलता है। अजय साह (Ajay Shah) ने आगे बताया कि जेसी माइकल के डायरेक्टर चिराग जैन, अरिहंत टेडिंग के भी प्रोप्राइटर हैं। वहीं जितेंद्र कोचर, जेसी माइकल और लाइफलाइन सिक्योरिटी दोनों के डायरेक्टर हैं। इन संबंधों के कारण यह साफ है कि यह एक सुनियोजित योजना के तहत टेंडर प्रक्रिया को नियंत्रित किया गया है। 

मामले की CBI से जांच कराने की मांग

अजय साह (Ajay Shah) ने कहा कि यह मामला सिर्फ सरकारी अनियमितताओं का नहीं, बल्कि आपराधिक षडयंत्र का है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इन मिलीभगत वाली कंपनियों को सेट कर रखा था और शेष सभी को बाहर कर टेंडर की पारदर्शिता को पूरी तरह खत्म कर दिया गया। यह राज्य के संसाधनों की खुली लूट है और जनता के साथ विश्वासघात है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह (BJP Pradesh Pravakta Ajay Shah) ने इस पूरे मामले की CBI से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की एजेंसियां पहले भी कई मामलों में लीपापोती कर चुकी है और ऐसे गंभीर आर्थिक अपराधों में निष्पक्ष जांच के लिए केंद्रिय जांच एजेंसी का दखल जरूरी है। 

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