Chhattisgarh PSC: CG PSC की CBI जांच की मांग: भाजपा नेता चौधरी ने लगाया बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप

Chhattisgarh PSC: छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का रिजल्‍ट आने के बाद से उठा सियासी बवाल शांत होता नहीं दिख रहा है। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप- प्रत्‍यारोप का दौर लगातार जारी है।

Update: 2023-09-19 14:49 GMT

Chhattisgarh PSC: रायपुर। पूर्व आईएएस अफसर और भाजपा नेता ओपी चौधरी ने CG PSC की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है। भाजपा कार्यालय में आज प्रेसवार्ता लेकर चौधरी ने CG PSC की परीक्षा परिणाम में कई तरह की गड़बड़ी होने का आरोप लगाया। उन्‍होंने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

CG PSC की मुख्‍य परीक्षा में भ्रष्टाचार का आरोप लगते हुए भाजपा के संगठन महामंत्री चौधरी ने कहा कि हाल ही में पीएससी का रिजल्ट आया वह बहुत ही निराशाजनक रहा। पीएससी की मुख्य परीक्षा में सवाल हनुमान सिंह के बारे में पूछा गया था लेकिन लिखा गया वीरनारायण सिंह के बारे में फिर भी 8 अंक में से 5 अंक मिला है जिन्होंने सही उत्तर लिखा उन्हें 4 अंक दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह अन्य कई प्रश्नों में गलत जवाब देने वालों को नंबर दिया गया है। गणित के एक सवाल का उदाहरण देते हुए चौधरी ने बताया कि गलत उत्तर वाले को 4 में से 4 नंबर दिया गया है। वहीं सही उत्तर लिखने वाले को 4 में 3 अंक दिया गया है।

प्रेसवार्ता के दौरान महिला आरक्षण पर मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के बयान को लेकर पूछे गए प्रश्‍न के जवाब में चौधरी ने कहा कि 50 साल तक मौका मिला था, 3 चौथाई तक बहुमत उनके पास रहा जब पीएम मोदी प्रगतिशील कामों को कर रहें हैं तो कांग्रेस जबरदस्ती बीच में आती है। महिला आरक्षण को जैसे रोक कर रखे थे वैसे ही आगे उलझाकर रखना चाहते है।

पाटन में परिवर्तन यात्रा और भिलाई में प्रियंका गांधी के कार्यक्रम पर चौधरी ने कहा कि एक तरफ भाजपा महिलाओं और बहनों के लिए प्रस्ताव पास कर रही है, दूसरी तरफ प्रियंका गांधी आ रही है। चौधरी ने कहा कि उन्हें (प्रियंका) जवाब देना चाहिए जब रायपुर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी हुई थी तब उनके पीए ने कांग्रेस में काम करने वाली एक कार्यकर्ता बहन के साथ छेड़खानी की थी तब अपने प्रदेश में उन्होंने एफआईआर दर्ज कराया था उनके साथ न्याय क्यों नहीं किया इसका जवाब देना चाहिए।

पीएससी में गड़बड़ियां रमन राज में होती थी, कांग्रेस सरकार में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही: कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में 5 सालों में 80 हजार से अधिक सरकारी नौकरियों में भर्ती से बौखलाई भाजपा भर्ती प्रणाली में सवाल खड़ा कर अपनी खीझ निकाल रही। कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुद्दों की कमी से जूझ रही भाजपा राज्य लोकसेवा आयोग की छवि को खराब करने का काम कर रही है। अपनी राजनैतिक दुकान चलाने के लिए भाजपा प्रदेश के युवाओं की विश्वसनीय संस्था पर गलत आरोप लगा कर राज्य में भ्रम का वातावरण बना रही है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सरकार ने पीएससी की पारदर्शिता समयबद्धता और निष्पक्षता को बनाये रखने का पुख्ता इंतजाम किया है। छत्तीसगढ़ राज्य लोकसेवा आयोग एक संवैधानिक एजेंसी है, यह एक स्वायत्तशासी संस्था है। कांग्रेस सरकार में हमेशा से ही संवैधानिक संस्थानों की मर्यादा और गरिमा के अनुरूप उनकी निष्पक्षता और विश्वसनीयता को बनाए रखने की जिम्मेदारी, सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। भर्ती, परीक्षा और चयन प्रक्रिया में राज्य सरकार का सीधे तौर पर कोई हस्तक्षेप नहीं रहा है। संवैधानिक संस्थानों, केंद्रीय जांच एजेंसियों और राजभवन तक का राजनीतिक उपयोग भारतीय जनता पार्टी का चरित्र है।

यह भी पढ़ें- PSC चेयरमैन समेत अधिकारियों के 18 बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों की नियुक्ति पर लटकी तलवार, चीफ जस्टिस के कड़े तेवर

बिलासपुर। पीएससी घोटाले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने आज कड़े तेवर दिखाए। बहस की वायरल वीडियो में चीफ जस्टिस कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि इन 18 की नियुक्ति रोक दी जाए। हालांकि, ये हाई कोर्ट का अधिकारिक आदेश नहीं है। अगली सुनवाई कल सुबह होगी। बता दें, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर की याचिका पर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कंवर की तरफ से अधिवक्ता संजय अग्रवाल खड़े हुए। पता चला है, कोर्ट ने कुछ बिंदुओं पर याचिकाकर्ता से कुछ जानकारी कल तक पेश करने कहा है। कल इस मामले पर फिर सुनवाई होगी। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें


यह भी पढ़ें- PSC को नोटिसः छत्तीसगढ़ PSC में बेटे-बेटियों, रिश्तेदारों के सलेक्शन पर हाई कोर्ट सख्त, नोटिस जारी, आज दोपहर बाद फिर सुनवाई

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी में बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी बनाने को लेकर लगी याचिका पर बिलासपुर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक ननकीराम कंवर ने यह याचिका लगाई है। आज हाई कोर्ट खुलते ही चीफ जस्टिस रमेश सिनहा ने इसे पहला केस लिया। हाई कोर्ट के सूत्रों के अनुसार कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालांकि, कोर्ट ने किसी तरह का फिलहाल स्टे देने की बजाए यथास्थिति रखने कहा है, जैसा कि हाई कोर्ट के गलियारों में चर्चा है। ये भी पता चला है कि आज दोपहर लंच के बाद फिर से इस मामले पर सुनवाई होगी। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें



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