Chhattisgarh News: CG लालटेन लेकर सड़क पर निकले पीसीसी चीफ बैज और पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश, जानिये... क्‍या है मामला

Chhattisgarh News: प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल आज भारी दोपहरी में लालटेन लेकर निकले। इनके साथ कांग्रेस के अन्‍य कार्यकर्ता भी हाथों में लालटेन लिए नजर आए।

Update: 2024-07-08 11:57 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी और बिजली कटौती का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज प्रदेशभर में प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज राज्‍यभर में बिजली सब-स्‍टेशन सहित अन्‍य कार्यालयों के सामने विरोध- प्रदर्शन किया। रायपुर में आयोजित प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्‍य नेता शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने हाथों में लालटेन लेकर विरोध दर्ज कराया।

पीसीसी चीफ बैज ने कहा कि भाजपा सरकार पूरे समय बिजली नही दे पा रही है ऊपर से सरकार ने बिजली के दामों में 8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किया है। यह जनता पर अत्याचार है। बिजली दर में 8 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी को राज्य सरकार को वापस लेना चाहिए। प्रदेश की जनता महंगाई से पीड़ित है इस दशा में बिजली के दर में बढ़ोतरी करना महंगाई से जख्मी जनता के जख्मों पर नमक छिड़कना है।

सरकार ने भले ही कहती है कि बिजली के दाम में 8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, हकीकत में पिछले दो माह से बिजली के बिल दुगुने आ रहे है। आम आदमी बिजली के दाम बढ़ने से परेशान है।स्मार्ट मीटर लगा कर उपभोक्ता को लूटने कि तैयारी भाजपा सरकार कर रही है कांग्रेस इसका विरोध करती है।

कांग्रेस की सरकार ने 5 वर्षो तक विपरीत परिस्थितियों में भी बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल हाफ योजना शुरू किया था जिसका लाभ प्रदेश के 44 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिलता था जिसे 5 साल में प्रत्येक उपभोक्ता का 40 से 50 हजार रु. तक की बचत हुई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछले 6 माह में विद्युत सरप्लस वाला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कटौती का केंद्र बन गया है। कोई ऐसा दिन नहीं होता जब बिजली दो-चार घंटे के लिये बंद न हो, रात में तो बिजली की स्थिति तो और भयावह हो जाती है, घंटो बिजली गोल हो जाती है।

भाजपा से न सरकार संभल पा रहा और न ही व्यवस्थायें। सरकार एक तो पूरे समय बिजली नहीं दे पा रही, ऊपर से उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ डाल रही है। प्रदेश के अनेक जिलों में तो पूरी रात बिजली कटौती हो रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार में आम जनता को मांग के अनुसार बिजली नहीं मिल रहा है। बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से शहर और गांव की जनता जूझ रहे हैं।

बैज ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान 24 घंटा बिजली की आपूर्ति होती थी। गर्मी के दिनों में मांग बढ़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली की खरीदी किया जाता था और आम जनता को 24 घंटा बिजली की आपूर्ति की जाती थी। रवि फसल लगाने वाले किसानों को भी बोरवेल चलाने के लिए बिजली निःशुल्क मिलता था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान बिजली आपूर्ति निर्बाध गति से चले इसके लिए ट्रांसफार्मर के पावर बढ़ाए गए थे, नए ट्रांसफार्मर लगाए गए थे। ट्रांसमिशनों को अपग्रेड किया गया। भाजपा की सरकार में 6 माह में ही बिजली की व्यवस्था चरमरा गई है, आम जनता सड़कों पर उतरकर बिजली की समस्या को लेकर आंदोलन कर रही हैं।

धरने को संबोधित करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय पूरे 5 साल सरप्लस बिजली छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं को मिलता रहा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद तेलंगाना, गोवा, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यो को पवार एक्सचेंज एग्रीमेंट के तहत छत्तीसगढ़ से बिजली सप्लाई की जाती थी। अब भाजपा की डबल इंजन की सरकार में अघोषित तौर पर बिजली की कटौती जारी है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मांग से अधिक मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार आने के बाद से विद्युत का उत्पादन और आपूर्ती दुर्भावना पूर्वक बाधित किया जा रहा है। सर्वे के आधार पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने हर साल लगभग साढ़े 7 प्रतिशत की दर से बिजली के डिमांड बढ़ने का अनुमान लगाते हुए कोरबा पश्चिम में 1320 मेगावाट संयंत्र की स्थापन के लिए आधारशिला रखी थी जिसे भाजपा की सरकार आने के बाद से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ की जनता बिजली, पानी जैसे मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार निजी कंपनियों पर निर्भरता बढ़ाकर जनता को लूटने का षड्यंत्र कर रही है। केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लाये गए ‘‘विद्युत संशोधन 2020 विधेयक’’ को रोकना होगा अन्यथा बिजली की दरें आसमान छूने लगेगी।

2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार हर साल बिजली की दरों में वृद्धि की एवं 15 वर्षो में लगभग 300 प्रतिशत अर्थात् बिजली की दर में तीन गुना वृद्धि की गयी थी, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल को विभाजित कर पांच कंपनी बनाकर उसका आर्थिक बोझ जनता के ऊपर डाला था, अब वही दौर फिर से शुरु हो गया है। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार के घाटों को पाटते हुये बिजली बिल हॉफ योजना के अंतर्गत 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड़ रू. सब्सिडी देकर बिजली के मामले में बहुत बड़ी राहत दी है। वहीं किसानों को 5 एचपी निःशुल्क बिजली, बीपीएल के उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुफ्त बिजली, अस्पतालों, उद्योगों को सस्ती दर पर बिजली देकर राहत पहुंचाई है। भाजपा की सरकार आने के बाद बिजली कटौती शुरू हो गई और बिल दुगुना आने लगे।

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