Chhattisgarh News: विधानसभा घेराव के लिए कांग्रेस ने बनाया नियंत्रण कक्ष: प्रभारी और 2 सह प्रभारी के लिए साथ इन 23 नेताओं को दी गई जिम्‍मेदारी...

Chhattisgarh News: कांग्रेस 24 जुलाई को छत्‍तीसगढ़ विधानसभा का घेराव करने जा रही है। पार्टी ने इसके लिए राज्‍य स्‍तर पर नियंत्रण कक्ष की स्‍थापना की है।

Update: 2024-07-20 09:12 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने 24 जुलाई को घोषित विधानसभा घेराव के लिए राजीव भवन में नियंत्रण कक्ष की स्‍थापना की है। शैलेश नितिन त्रिवेदी को इस नियंत्रण कक्ष का प्रभारी बनाया गया है। प्रवीण साहू और धनश्‍याम राजू तिवारी को सह प्रभारी बनाया गया है। इनमें साथ 20 नेताओं को सदस्‍य बनाया गया है। इस नियंत्रण कक्ष के जरिये 24 जुलाई को राज्‍य के अलग-अलग हिस्‍सों से आने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ समन्‍वय स्‍थापित किया जाएगा।


इस वजह से कर रहे हैं विधानसभा का घेराव

कांग्रेस का आरोप है कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है। महिलायें, व्यापारी, आम आदमी सभी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे है। स्थितियां इतनी भयावह हो चुकी है कि कलेक्टर, एसपी कार्यालय जलाये जा रहे है। सरेआम लोगों की हत्यायें हो रही राज्य के हालात असहनीय हो चुके है।

इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष दीपक बैज का कहना है कि जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है। नागरिको को भय के माहौल जीवन जीना पड़ रहा है। अपराधी बेलगाम हो गये है। साय सरकार के राज में महिलाओं के प्रति अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गयी है। 6 माह में राज्य में 300 से अधिक बलात्कार, 80 सामूहिक बलात्कार, 200 से अधिक हत्यायें। चाकूबाजी, लूट, डकैती, चेन स्नेचिंग की अनगिनत घटनायें हो चुकी है। राजधानी में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि अपराधी बिना किसी वाहन के पैदल चल कर चैन खींच कर भाग जाते है। राजधानी में थाने में चाकू मार दिया जाता है पुलिस असहाय हो गयी है। नक्सलवादी घटनायें 6 माह में बढ़ गयी।

बैज ने कहा कि राज्य में रोज 3 बलात्कार की घटना हो रही, हर दो दिन में एक सामूहिक दुराचार की घटना हो रही है। रोज समाचारों में प्रदेश भर में तीन से चार मासूम अबोध बच्चियों के साथ तथा सामूहिक दुराचार की घटनाओं की खबरे सामने आ रही। राजधानी से लगे आरंग में मॉब लीचिंग में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है। सरकार अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही करने के बजाये उनको संरक्षण देने में लगी है। हत्यारों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बजाय सरकार सदोष मानव वध का मुकदमा दर्ज करवाया है ताकि अपराधियों को बचाया जा सके।

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