Chhattisgarh Assembly Election 2023: थैंक्यू जयराम रमेश: जानिए...कांग्रेस महासचिव ने ऐसा क्‍या कह दिया कि आभार व्‍यक्‍त करने लगे भाजपाई

Chhattisgarh Assembly Election 2023: कांग्रेस के राष्‍ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने आज कांग्रेस के प्रदेश मुख्‍यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस दौरान जयराम रमेश ने धान को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया, उस बयान को भाजपाई हाथों हाथ ले रहे हैं।

Update: 2023-11-01 12:23 GMT

Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर। छत्‍तीगसढ़ में चुनावी महौल के बीच आज से धान खरीदी शुरू हो गई। इधर, सियासी मोर्चे पर भी धान की राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस के राष्‍ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्‍यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस दौरान जयराम ने विभिन्‍न विषयों के साथ ही धान खरीदी को लेकर भी अपनी राय रखी।

जयराम रमेश की प्रेसवार्ता खत्‍म होते ही भाजपाई उन्‍हें धन्‍यवाद देने लगे। कांग्रेस महासचिव को धन्‍यवाद देने वालों में प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी शामिल हैं। भाजपा के नेता कह रहे हैं कि धान खरीदी को लेकर जो हम कह रहे हैं वहीं बात आज जयराम रमेश ने कह दिया। डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के झूठ की पोल उनके ही नेता खोल रहे हैं।

दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, जयराम रमेश ने रायपुर में मीडिया से बात करते हुए एमएसपी के बारे में बताया जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि 80 प्रतिशत से ज्यादा पैसा किसानों को केंद्र सरकार देती है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की एमएसपी अगर 2200 रु है तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार शेष राशि मात्र दे रही है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हमेशा यह कहते रहते हैं कि छत्तीसगढ़ के किसानों को धान खरीदी का पूरा पैसा राज्य सरकार देती है, केंद्र सरकार का इसमें कोई योगदान नहीं होता।

ऐसे में जयराम रमेश के इस बयान ने प्रदेश के कांग्रेस सरकार की पोल खोल दी है इसे लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि पिछले 5 साल से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्र सरकार के कार्यों का श्रेय लेकर किसानों से झूठ बोल रही है और उन्हें छलने का प्रयास कर रही है लेकिन चुनाव के ठीक पहले किसानों के सामने कांग्रेस के मुंह से सच निकल ही गया , मुझे लगता है कि अब किसी के मन में कोई संदेह नहीं रह गया, सब समझ गए कि प्रदेश में पिछले 5 साल से एक लबरा कितनी लबारी मार रहा है और झूठ बोलकर छत्तीसगढ़वासियों को धोखा दे रहा है।


कांग्रेस बोली- जयराम रमेश की बातों को आदतन झूठे भाजपाई गलत प्रस्तुत कर रहे

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी पर भारतीय जनता पार्टी झूठ बोल रही है। धान खरीदी में केन्द्र का योगदान है। धान खरीदी में केन्द्र का योगदान केवल इतना ही है कि वह अन्य फसलों के समान धान का भी समर्थन मूल्य सिर्फ घोषित करता है। खरीदी राज्य सरकार करती है। जयराम रमेश ने उसी घोषित समर्थन मूल्य की बात कही है। मोदी सरकार का धान खरीदी में कोई योगदान नहीं है। धान खरीदी का पूरा का पूरा पैसा राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जाता है। राज्य सरकार मार्कफेड के माध्यम से विभिन्न बैंको से कर्ज लेकर धान खरीदी करती है। किसानों को छत्तीसगढ़ में 2640 रूपये, देश ही नही दुनिया में सबसे ज्यादा कीमत भूपेश सरकार दे रही है। भारतीय जनता पार्टी नेता भ्रम फैलाने के लिये जबरिया वाहवाही लेने के लिये राजनीति कर रहे है। पिछले वर्श 107 लाख मीट्रिक धान की खरीदी कांग्रेस सरकार ने किया था। यह एक बड़ी उपलब्धि है। 15 साल में रमन सरकार के द्वारा इसका आधा धान ही खरीदा जाता था। इस वर्श 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र का राज्यों से चावल और अन्य अनाज खरीदना और राज्य का अपने किसानों से धान खरीदना दोनों अलग-अलग योजना है। राज्य अपने किसानों को उसकी उपज की पूरी कीमत देने अपने संसाधनों से धान की खरीदी करती है। छत्तीसगढ़ के किसानों से भूपेश सरकार ने 2660 रू. में धान खरीदा है। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि में तो किसानों को 1000-1200 में धान बेचना पड़ता है। केंद्र सरकार अपनी कल्याण योजनाओं के लिये सस्ते दर पर चावल, गेहूं आदि दुकानों के माध्यम से बांटने के लिये राज्यों से खरीदती है। छत्तीसगढ़ से चावल खरीद कर मोदी सरकार राज्य पर कोई अहसान नहीं करता यह उसकी मजबूरी है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र को कल्याण योजनाओं के लिये चावल बिना छत्तीसगढ़ का चावल खरीदे संभव नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार यदि 86 लाख टन केंद्र को चावल न दे तो केंद्र सरकार के पास बांटने के लिये चावल का संकट पैदा हो जायेगा। मोदी सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में चावल का भंडार नहीं है। कर्नाटका ने जब अपनी अन्ना भाग्य योजना के केंद्र से 35 लाख मीट्रिक टन चावल मांगा तो केंद्र ने मना कर दिया था। शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी में सहयोग तो दूर की बात है मोदी सरकार धान खरीदी में अडंगेबाजी करती है। भूपेश सरकार ने जब घोषित समर्थन मूल्य से ज्यादा 2500 रू. धान की कीमत का भुगतान किया तो मोदी सरकार ने सेंट्रल पुल के चावल लेने से मना कर दिया था। तब केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण कांग्रेस सरकार को राजीव गांधी किसान न्याय योजना चालू कर किसानों को 9000 प्रति एकड़ एवं 10,000 प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है।




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