CG Vidhansabha: गुस्से में विधायक लगे बांह चढ़ाने, असंसदीय संवाद और आचरण से हाउस रह गया सन्न, दुखी होकर स्पीकर ने कहा विधानसभा सड़क नहीं...

CG Vidhansabha: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन आज बेहद गर्म रहा। बल्कि दो विधायकों के बीच आज ऐसा तू-तू-मैं-मैं हुआ कि सदन हतप्रभ रह गया। धरमलाल कौशिक के सवाल पर मंत्री अरुण साव जवाब दे रहे थे। इसी बीच 15 साल मंत्री रहे राजेश मूणत और दूसरी बार के विपक्षी विधायक देवेंद्र यादव आपस में भिड़ गए। दोनों के तेवर और संवाद से सदन ही नहीं, बल्कि स्पीकर डॉ. रमन सिंह आहत हुए। उन्होंने कार्यवाही से विलोपित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा को देश में अलग सम्मान की नजर से देखा जाता है। आपलोग ऐसा आचरण न करें कि सदन की छबि खराब हो।

Update: 2025-07-15 09:15 GMT

CG Vidhansabha: रायपुर। मानसून सत्र के दूसरे दिन आज पीडब्लूडी, नगरीय प्रशासन और पीएचई मिनिस्टर अरुण साव का प्रश्नकाल था। अरुण साव से आज दो सवाल हुए और दोनों ही जलग्रहण मिशन से संबंधित थे। पहला सवाल भूपेश बघेल का था, उसमें विपक्ष ने बहिर्गमन किया। और दूसरा प्रश्न धरमलाल कौशिक ने नल कनेक्शन लगाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर से संबंधित था। इसी दौरान एक प्रसंग आया कि आपने कहा था कि जहां काम पूर्ण नहीं हुआ, वहां ठेकेदारों को 60 परसेंट से अधिक राशि का भुगतान नहीं होगा। धरमलाल कौशिक ने आज के प्रश्नकाल में लता उसेंडी के सवाल के जवाब में लिखित जवाब का उल्लेख करते हुए पढ़ना शुरू किया कि जब काम नहीं हुआ तो 80 से 85 परसेंट भुगतान ठेकेदारों का कैसे हो गया।

धरमलाल कौशिक के इस सवाल पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि ऐसा उन्होंने कभी कहा ही नहीं। इस पर धरमलाल ने याद दिलाया कि मंत्री ने पिछले सत्र में ऐसा कहा था। इसी बीच कांग्रेस के देवेंद्र यादव खड़़े होकर विधानसभा की कार्यवाही का पेपर दिखाने लगे कि मंत्रीजी ने 60 परसेंट से अधिक भुगतान न करने का ऐलान किया था। देवेंद्र यादव जोर-जोर से बोलना शुरू किए तो सत्ताधारी पार्टी के विधायक राजेश मूणत भड़क गए। फिर क्या था...दोनों चिखते हुए लगे बांहे चढ़ाने। एक बार तो ऐसा लगा कि दोनों एक-दूसरे को आज छोड़ेंगे नहीं। मगर स्पीकर ने आसंदी से खड़े होकर दोनों को सख्ती से रोका।

25 साल में पहली बार

राज्य बनने के बाद 25 साल में संभवतः यह पहला मौका था, जब सदन में असंसदीय भाषा का सदस्य प्रयोग करते हुए एक दूसरे को उंगली और आंख दिखाकर तेज बहस करने लगे। कांग्रेस शासनकाल में एक बार अजय चंद्राकर और शिव डहरिया के बीच तीखी नोंक-झोंक अवश्य हुई थी। मगर उसका लेवल इतना नहीं था। बहरहाल, आज स्पीकर डॉ0 रमन सिंह आसंदी से उठे और हस्तक्षेप किया। सदन में हंगामे जैसी विषम स्थिति में स्पीकर अपनी कुर्सी से खड़े होते हैं। मगर आज पहली बार हुआ कि एक सवाल में स्पीकर को दो बार खड़ा होना पड़ा। पहली बार दोनों विधायकों को रोकने के लिए और दूसरी बार नसीहत देने के लिए।

असंसदीय वार्तालाप को किया विलोपित

सदन की कार्रवाई के दौरान सदस्यों के बीच असंसदीय भाषा का हुए प्रयोग को विधानसभा की कार्रवाई से विलोपित करने की घोषणा की। स्पीकर डा सिंह ने सदस्यों को रजत जयंती वर्ष में अच्छा उदाहरण पेश करने की अपील की। विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने घटना को लेकर कहा कि विधानसभा की अपनी मर्यादा है। बोलने का तरीका है। विधानसभा सड़क नहीं है कि आप सड़क की भाषा बोले। आप यहां भाषण देने नहीं जनता की समस्या को सदन के सामने रखने और उसके निदान के लिए आए हैं। प्रश्नकाल महत्वपूर्ण सेशन होता है। इसे बर्बाद करने के बजाय पूरे समय का सदुपयोग किया जाना चाहिए। प्रश्नकाल लाइव प्रसारण होता है। पूरा देश देखता है। इस तरह की अमर्यादित बातें और व्यवहार नहीं होनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें। सदस्यों को समझाइश देते हुए स्पीकर डा सिंह ने कहा कि सदस्य एक दूसरे की ओर देखकर बातें ना करें। आसंदी को देखकर अपनी बात रखें।

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