CG आरक्षण विवाद: भाजपा का आरोप- राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति का आरक्षण वापस दिलाने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी

Update: 2022-10-15 13:34 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट के फैसले के बाद आरक्षण को लेकर बनी स्थिति के लिए भाजपा ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा अध्यक्ष अरुण साव के नेतृत्व में वरिष्ठ नेताओं, सभी सांसद और विधायकों ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलकर पूरी बात रखी और हस्तक्षेप करने की मांग की। साव ने बताया कि राज्यपाल ने जनजाति वर्ग के आरक्षण के लिए हरसंभव कोशिश करने का आश्वासन दिया है।

एकात्म परिसर में मीडिया से बातचीत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा कि 2012 में भाजपा सरकार ने अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 32 प्रतिशत किया था। यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन था। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में इस मसले का तीन महीने में निराकरण करने कहा। साव ने आरोप लगाया कि इस दौरान राज्य सरकार को जो तथ्य हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करना था, वह नहीं किया।


अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण को जस्टिफाई करने के लिए राज्य सरकार को जो आंकड़े प्रस्तुत करने थे, वे नहीं किए। दूसरी ओर, हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद भी राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है, इसलिए सरकार को जगाने के उद्देश्य से भाजपा मैदान में है।


साव ने कहा कि जब तक भाजपा की सरकार थी, तब तक कोई दिक्कत नहीं हुई। अभी चार साल से कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस सरकार की लापरवाही से ही यह स्थिति बनी है। कई राज्यों में वहां की जनसंख्या और परिस्थितियों के मुताबिक 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण है। इस दौरान नारायण चंदेल, विक्रम उसेंडी, रामविचार नेताम, केदार कश्यप, महेश गागड़ा, सांसद गोमती साय, प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर, जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम मौजूद रहे।

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