CG News-आरक्षण पर असमंजस: राज्यपाल से राज्य सरकार के पांच मंत्री मिले, फिलहाल दस्तखत नहीं; शनि-रविवार की छुट्टी, सोमवार से आस

Update: 2022-12-03 08:39 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण के संबंध में शुक्रवार को विधानसभा में ऐतिहासिक विधेयक पारित हुआ। इसमें अनुसूचित जनजाति के लिए 32, अनुसूचित जाति के लिए 13, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 4% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस तरह अब छत्तीसगढ़ में 76% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। हालांकि, इसे लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि राज्यपाल अनुसुइया उइके ने दस्तखत नहीं किया है। विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद राज्य सरकार के पांच मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, कवासी लखमा, अमरजीत भगत और डॉ. शिव डहरिया ने राज्यपाल से भेंट की।राज्यपाल उइके ने उक्त विधेयक के संबंध में प्रक्रिया में लेते हुए नियमानुसार शीघ्र कार्यवाही की बात कही। शुक्रवार रात को मंत्रियों ने भेंट की। शनिवार को सुबह से सभी राजभवन की ओर आस लगाए बैठे हैं, लेकिन दोपहर तक कोई सूचना नहीं आई है। राजभवन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शनिवार और रविवार को छुट्टी है। इसके बाद संभवतः राज्यपाल सोमवार को फैसला ले सकती हैं। इस बीच वे विधि अधिकारी से परामर्श ले सकती हैं। आरक्षण का मसला संविधान से जुड़ा है, इसलिए पूरी तरह कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही राज्यपाल आगे निर्णय लेंगी। गौरतलब है कि 50% से ज्यादा आरक्षण को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है।

राष्ट्रपति को भेज सकती हैं राज्यपाल

जानकारों का कहना है कि राज्यपाल विधेयकों की मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज सकती हैं। ऐसी स्थिति में आरक्षण की नई व्यवस्था लागू होने में समय लग सकता है। इसका असर छत्तीसगढ़ में नई भर्तियों के साथ शैक्षणिक संस्थाओं में एडमिशन और प्रमोशन पर भी पड़ सकता है।

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