Budget 2024: महिलाओं, युवाओं, किसानों और नौकरीपेशा लोगों को बजट से उम्मीदें, जानिए Income Tax में राहत को लेकर क्या कह रहे विशेषज्ञ?

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई यानी कल पेश होगा। लोकसभा चुनाव के बाद पेश होने वाले इस बजट से सभी वर्गों को खास उम्मीदें हैं। खासतौर पर नौकरीपेशा लोगों, महिलाओं और युवाओं को बजट से काफी आस है। साथ ही इनकम टैक्स स्लैब में भी लोगों को कोई राहत मिल सकती है या नहीं, इस पर भी नजर बनी हुई है।

Update: 2024-07-22 13:23 GMT

रायपुर, एनपीजी डेस्क। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई यानी कल पेश होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को अपना लगातार 7वां बजट पेश कर एक रिकॉर्ड बनाएंगीं। लोकसभा चुनाव के बाद पेश होने वाले इस बजट से सभी वर्गों को खास उम्मीदें हैं। खासतौर पर नौकरीपेशा लोगों, महिलाओं और युवाओं को बजट से काफी आस है। साथ ही इनकम टैक्स स्लैब में भी लोगों को कोई राहत मिल सकती है या नहीं, इस पर भी नजर बनी हुई है।

5 लाख हो सकती है बेसिक छूट

ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उपभोग को बढ़ावा देने के लिए टैक्‍स राहत के उपायों को शुरू करने पर विचार कर रही हैं। न्‍यू टैक्‍स रिजीम में 15 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक की सालाना आय के लिए आयकर स्लैब को बेहतर बनाया जा सकता है। टैक्‍स स्‍लैब के तहत बेसिक आयकर टैक्‍स छूट को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जा सकता है। इससे मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों को लाभ होगा।


लगातार बढ़ती महंगाई के कारण पुरानी और नई आयकर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन को मौजूदा 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने की भी मांग काफी दिनों से चली आ रही है। न्यू पेंशन स्कीम को ज्यादा आकर्षक बनाया जा सकता है, जिसे लेकर अभी सरकारी कर्मचारी नाखुश हैं। वहीं ये संभावना नहीं है कि पुरानी आयकर व्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव होगा, क्योंकि सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक व्यक्तियों को नए टैक्‍स सिस्‍टम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना है।

टैक्‍स स्लैब की रेट 

3 लाख रुपये तक- 0%

3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक- 5% (धारा 87A के तहत टैक्‍स छूट)

6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक- 10% (धारा 87A के तहत 7 लाख रुपये तक टैक्‍स छूट)

9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक- 15%

12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक- 20%

15 लाख रुपये से अधिक- 30%

इनकम टैक्स छूट सीमा बढ़ेगी या नहीं?

दावा किया जा रहा है कि सरकार 0% टैक्स स्लैब को वर्तमान में 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो फिर 8.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले व्यक्तियों को स्टैंडर्ड डिडक्शन और धारा 87ए के तहत छूट के तहत कोई टैक्स नहीं देना पड़ सकता है।

महिलाओं, किसानों और युवाओं को बजट से आस

चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने किसानों, युवाओं, महिलाओं और नौकरीपेशा लोगों की परेशानियों से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरा। इसका उन्हें फायदा भी हुआ। जानकारों का मानना है कि अपने तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में सरकार महिलाओं-किसानों और युवाओं के लिए महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती है। युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के नए उपाय बजट में दिखाई दे सकते हैं, तो महिलाओं को लखपति बनाने की भाजपा की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भारी निवेश की घोषणा कर सकती है।

1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि मुद्रा योजना के तहत 30 करोड़ रुपये के लोन महिला उद्यमियों को बांटे गए हैं। इसके साथ ही सरकार का लक्ष्य 83 लाख स्वयं सहायता समूह (CHG) और एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का है। ऐसे में उम्मीद है कि 23 जुलाई को वित्त मंत्री सीतारमण बजट 2024-25 में महिलाओं के लिए इससे जुड़ी घोषणाएं कर सकती हैं।

महिलाओं के लिए बजट में इन चीजों के ऐलान की संभावना

  • एक्‍सपर्ट्स का मानना ​​है कि महिलाओं की बेहतरी के लिए सब्सिडी लागू करना और महत्वपूर्ण वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए टैक्स रिलीफ दिया जा सकता है।
  • शादीशुदा महिलाओं के लिए टैक्‍स छूट में ज्वॉइंट फाइलिंग ऑप्शन या मैरिड कपल के लिए टैक्‍स क्रेडिट जैसे फायदे मिल सकते हैं।
  • बच्चों वाली महिलाएं टैक्‍स क्रेडिट, कटौती या बच्‍चों के देखभाल सब्सिडी या शिक्षा बचत योजना जैसे लाभों के लिए पात्र हो सकती हैं।
  • कामकाजी महिलाओं को वर्क रिलेटेड खर्च और रिटारमेंट कंट्रीब्‍यूशन में छूट मिलने की उम्मीद है।

अंतरिम बजट में 30 करोड़ महिला उद्यमियों को मुद्रा योजना लोन दिए जाने और हायर एजुकेशन में महिलाओं के एडमिशन लेने में बीते 10 सालों में 28 प्रतिशत का उछाल आने की बात कही गई। सरकार ने फरवरी के बजट में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 वर्ष की उम्र की बालिकाओं का टीकाकरण कराने का भी ऐलान किया था। माताओं और बच्चों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने के लिए 'सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0' के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन में तेजी लाने का ऐलान किया गया। मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण के लिए U-WIN प्लेटफॉर्म बनाने का ऐलान किया गया था, ताकि घर बैठे ही टीकाकरण संबंधी जानकारी उपलब्ध हो सके। आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पतालों में इलाज की सुविधा देने का भी ऐलान फरवरी में वित्त मंत्री ने किया था।

अंतरिम बजट में किसानों से जुड़े ये ऐलान किए गए थे

1 फरवरी को पेश हुए अंतरिम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने ग्रामीण विकास पर जोर दिया था। उन्होंने फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने का एलान किया था। इसके साथ ही सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो-डीएपी के इस्तेमाल के विस्तार की बात कही गई थी। तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 'आत्मनिर्भर तिलहन अभियान' शुरू करने का एलान किया गया था। डेयरी विकास का जिक्र भी निर्मला सीतारमण ने किया था।

इसके साथ ही जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात दोगुना करने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने की चर्चा की गई। मत्स्य पालन के क्षेत्र के लिए पांच एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित करने का भी एलान वित्त मंत्री ने किया था।

कृषि क्षेत्र को बजट से अपेक्षाएं

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि उदारीकरण के बाद से केंद्र सरकारों का पूरा ध्यान बाजारों और बड़ी कंपनियों के विकास पर ही केंद्रित रहा है। इस वजह से देश में बेरोजगारी काफी बढ़ी है। किसानों की आर्थिक स्थिति भी बदतर हुई है। इसका असर हुआ है कि रोजाना किसान खेती छोड़ने पर मजबूर हो रहा है। वह मजदूर के रूप में जीवन यापन करने को मजबूर हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर देश की आर्थिक तस्वीर बदलनी है, तो केंद्र सरकार की प्रमुखता में कृषि होनी चाहिए। कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि आज भी भारत की करीब 60 फीसदी आबादी खेती पर ही निर्भर है। विशेषज्ञों का मानना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराकर किसानों को बड़ी मदद दी जानी चाहिए।

केंद्र सरकार का पिछला बजट लगभग 48 लाख करोड़ रुपये का था

साथ ही देश के बजट का वित्तीय निवेश आबादी के अनुपात में होना चाहिए। इससे किसान परिवार के लोगों, युवाओं-महिलाओं को रोजगार भी दिया जा सकता है, जो किसी भी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होता है। केंद्र सरकार का पिछला बजट लगभग 48 लाख करोड़ रुपये का था। पूरे देश के किसानों के लिए इसमें से केवल सवा लाख करोड़ रुपये के करीब खर्च किए गए थे। इसमें से भी लगभग 65 हजार करोड़ रुपये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए दिया गया था। 

युवाओं के लिए अंतरिम बजट में ये ऐलान हुए थे

वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट भाषण में कहा था कि स्किल इंडिया मिशन के तहत देश में 1.4 करोड़ युवाओं को ट्रेंड किया गया है। साथ ही 54 लाख अपस्किल या रि-स्किल किया गया है। पीएम मुद्रा योजना के तहत युवा उद्यमियों को 43 करोड़ के मुद्रा योजना लोन दिए गए। देश में 3000 नए आईटीआई बनाए गए हैं। साथ ही देश में सात आईआईटी, 16 आईआईआईटी, सात आईआईएम, 15 एम्स और 390 यूनिवर्सिटीज का निर्माण किया गया है।

युवाओं को सरकार से अपेक्षा

वर्तमान में युवा वर्ग के सामने सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है। मोदी सरकार के पहले दो कार्यकाल में स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया मिशन के जरिए युवाओं को राोजगार से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए गए, लेकिन वे नाकाफी साबित हुए हैं। नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर लिस्टेड पदों की संख्या बढ़कर 1.09 करोड़ हो गई है, जबकि नौकरी के लिए पंजीकरण करवाने वालों की संख्या 87.2 लाख ही है। नौकरी की संख्या बढ़ने के बावजूद युवाओं को काम नहीं मिल पा रहा, इसकी वजह जॉब के लिए पैरामीटर्स पर उम्मीदवार का खरा नहीं उतरना है।

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