BJP MLA Aasharam Netam Biography in Hindi: भाजपा विधायक आशाराम नेताम का जीवन परिचय...
MLA Aasharam Netam Biography: आशाराम नेताम भाजपा की टिकट पर कांकेर जिले की कांकेर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी शंकर ध्रुवा को मात्र 16 वोटो से चुनाव हराया है। गरीब परिवार से आने वाले आशाराम नेताम कांकेर जिले के गांव के रहने वाले हैं और पेशे से खेती किसानी का काम करते हैं। कांकेर विधानसभा में दो प्रमुख ब्लाक नरहरपुर और कांकेर है। पिछले 25 सालों से नरहरपुर ब्लॉक के निवासियों को ही भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी बनाती आ रही है।

BJP MLA Aasharam Netam Biography in Hindi : एनपीजी। आसाराम नेताम भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ कर कांकेर जिले की कांकेर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए है। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी व पूर्व विधायक शंकर ध्रुवा को कड़े मुकाबले में मात्र 16 वोटो से चुनाव हराया है। प्रदेश की 2023 विधानसभा में यह सबसे छोटी जीत है।
42 वर्षीय आशाराम नेताम के पिता का नाम जैनु राम नेताम है। वे ग्राम – मोहपुर, पोस्ट व्यासकोंगेरा, तहसील कांकेर, जिला उत्तर बस्तर कांकेर के रहने वाले है। उनका मोबाइल नंबर 9406106911 है। उनका विवाह सुरेखा नेताम के साथ हुआ है। उनके पुत्र का नाम चेतन नेताम तथा पुत्री का नाम कुमारी प्रज्ञा नेताम है। आशाराम नेताम व उनकी पत्नी का व्यवसाय कृषि है। आशाराम नेताम ने शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल सिदेसर माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल से हायर सेकेंडरी की परीक्षा वर्ष 2000 में उत्तीर्ण की है। उन्होंने बीए की डिग्री मेट्स यूनिवर्सिटी रायपुर से 2014 में उत्तीर्ण की है।
आशाराम नेताम कांकेर शहर के पास ही ग्राम बेरवती के रहने वाले है। वर्ष 1998 में भाजपा में आशाराम ने प्राथमिक सदस्यता ली है। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा के संगठन में मंडल मंत्री के पद से हुई है। 1998 में भाजपा प्रवेश के बाद उन्होंने ग्रामीण मंडल मंत्री के रूप में 10 साल काम किया। 2010 में उन्होंने ग्रामीण मंडल महामंत्री के पद पर कार्य किया। 2014 में आशाराम नेताम नरहरपुर ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष बने। 2015 में निर्विरोध चुनाव जीत कर जनपद सदस्य बने। 2016 में तुलसी मानस प्रतिष्ठान ब्लॉक के अध्यक्ष रहे। 2020 में कांकेर से अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष रहे। कांकेर के गोंड आदिवासी समाज में आशाराम नेताम सलाहकार के रूप में निर्वाचित होकर सामाजिक काम कर रहे हैं। उनकी पत्नी वर्तमान में सरपंच भी है। उनका मुकाबला 2013 से 18 तक विधायक रहें कांग्रेस के शंकर ध्रुवा से हुआ था।
कांकेर विधानसभा में कुल 1493379 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा के आशाराम नेताम को 67980 वोट मिले। कांग्रेस के शंकर ध्रुवा को 67964 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के हेमलाल मरकाम को 6201वोट मिले। नोटा को 2729 वोट मिले। यहां कुल 9 उम्मीदवार थे।
कांकेर विधानसभा में टिकट वितरण के पहले या चर्चा थी कि अगर शंकर ध्रुवा को कांग्रेस टिकट देती है तो भाजपा की हार तय है। इसके बाद कांग्रेसी प्रत्याशी नहीं पूरा खेमा और कॉन्फिडेंस में था कि कांग्रेस की जीत तय है। यही कांग्रेस को भारी पड़ा। यहां आचार संहिता लगने से कुछ दिन पहले ही प्रियंका गांधी की सभा कराई गई थी। सभा में भीड़ भी उमड़ी और अच्छा माहौल भी बना, लेकिन चुनाव आते आते असर कम हो गया। प्रियंका की सभा चुनाव के आसपास कराने से कांग्रेस को फायदा हो सकता था। नरहरपुर क्षेत्र की गिनती शुरू हुई तो कांग्रेस का गड्ढा पटने लगा था। लेकिन नरहरपुर क्षेत्र में वोटिंग कांकेर क्षेत्र की अपेक्षा कम हुई थी। इसलिए अंतिम राउंड तक मुकाबला शह और मात का चलता रहा। नरहरपुर में कम वोटिंग होना कांग्रेस के लिए नुकसान देह रहा और अंतिम राउंड की गिनती के बाद भाजपा के आसाराम नेम को नजदीकी मुकाबले में 16 वोटो से जीत भाजपा को जीत मिली।
भाजपा की यहां जीत का बड़ा कारण भाजपा प्रत्याशी को पर्याप्त समय मिलना भी रहा। लगातार दो पराजय को देखते हुए भाजपा ने चुनाव से ढ़ाई माह पहले ही 17 अगस्त को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। भाजपा प्रत्याशी ने समय का उपयोग करते हुए प्रत्येक गांव में दो से तीन बार जनसंपर्क किया,जिसका उन्हें फायदा भी मिला और कमजोर माने जाने वाले प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम ने नजदीकी मुकाबले में कांग्रेस के शंकर ध्रुवा को चुनाव हरा दिया।