NPG ब्रेकिंग-आईएएस सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, पूर्व IAS ने समाज कल्याण घोटाले में हाइकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की, हो सकती है आज सुनवाई

Update: 2020-02-03 08:17 GMT

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रायपुर, 3 फरवरी 2020। समाज कल्याण विभाग में एनजीओ के जरिये घोटाला मामले में आईएएस अफसर सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल रिव्यू पिटीशन दाखिल करने वाले है । पिटीशन का प्रारूप तैयार किया जा रहा है ।
उधर, पूर्व आईएएस बीएल अग्रवाल ने आज बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट में फैसले को रिव्यू करने के लिए आवेदन किया है। चीफ जस्टिस ने आवेदन को एडमिट कर लिया है। समझा जाता है कि शाम को इस पर सुनवाई होगी कि इस केस का रिव्यू किया जाए या नहीं। अगर वे रिव्यू लायक केस को समझेंगे तो फिर उसी प्रशांत मिश्रा के डबल बेंच को मामले को भेजेंगे, जिसने सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आईएएस और पूर्व आईएएस अफसरों का कहना है कि एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने के पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं मिली। फिर राज्य श्रोत संगठन में वे पदेन सदस्य थे। इस नाते संगठन के क्रियाकलापों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। 2004 के बाद कई अधिकारी यह भी भूल गए थे कि वे कभी इस संगठन के पदेन सदस्य है।
अफसरों के एक वकील ने बताया कि डा0 आलोक शुक्ला सिकरेट्री स्कूल शिक्षा के नाते श्रोत संगठन के सदस्य बने थे। वे 2006 में इस विभाग से हट गए और 2008 में डेपुटेशन पर भारत निर्वाचन आयोग में चले गए। जिस दौरान घपले का जिक्र किया जा रहा, उस समय आलोक शुक्ला दिल्ली में थे।
अफसरों के वकील इस पर भी सवाल उठा रहे कि पिछली सरकार ने माना कि इस मामले में गड़बड़ी हुई है तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। कम-से-कम हमारे मुवक्किलों को नोटिस देकर पूछना चाहिए था कि इसमें उनकी क्या भूमिका है। नोटिस अगर दी गई होती तो अधिकारियों का पक्ष़्ा रखने का मौका मिल गया होता।
ज्ञातव्य है, बिलासपुर हाईकोर्ट ने 31 जनवरी को इस मामले में बड़ा फैसला देते हुए दो रिटायर चीफ सिकरेट्री, एक रिटायर एसीएस, एक पूर्व आईएएस एक प्रमुख सचिव समेत समाज कल्याण विभाग के नौ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई को एक हफ्ते के भीतर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।

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