Women Reservation Bill: मोदी कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला, महिला आरक्षण बिल को मिली मंजूरी
Women Reservation Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने संसद में 5 दिवसीय विशेष सत्र की शुरूआत करा दी है. आज सरकार ने विशेष सत्र का सरप्राइज दिया- महिला आरक्षण बिल लाकर. अभी इस बिल को कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है.
Women Reservation Bill: : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग सोमवार को हुई. सोमवार को शुरू हुए संसद के स्पेशल सेशन के बीच बुलाई गई कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने के संकेत हैं। कैबिनेट सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में महिला आरक्षण विधेयक पास कर लिया गया है. संसद के विशेष सत्र में मोदी सरकार, महिला आरक्षण बिल पेश करेगी। इस बिल के पास होने के बाद संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.
अब संसद में विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण बिल को पास कराया जाएगा. बता दें कि पिछले करीब 27 सालों से महिला आरक्षण बिल लंबित था, जो अब संसद के पटल पर आएगा. आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15% से कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व 10% से भी कम है. इस मुद्दे पर आखिरी बार कदम 2010 में उठाया गया था, जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच बिल पास कर दिया था और मार्शलों ने कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था, जिन्होंने महिलाओं को 33% आरक्षण का विरोध किया था. हालांकि यह विधेयक रद्द हो गया, क्योंकि लोकसभा से पारित नहीं हो सका था.
20 सितंबर को लोकसभा में पेश किया जाएगा बिल
सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष सत्र की शुरुआत के पहले मीडिया को दिए संबोधन में ऐतिहासिक निर्णय लेने की बात कहने से यह चर्चा और तेज हो गई कि आखिर सरकार कौन से ऐतिहासिक विधेयक सामने ला सकती है, जिससे देश की तस्वीर बदल जाएगी. बताया जा रहा है कि अभी मोदी कैबिनेट की अहम बैठक हुई है, और उस बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है. सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया जाएगा.
सियासत के जानकार, मोदी सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र को सरकार के लिए 2024 का चुनाव जीतने के लिए किसी बड़े एजेंडे को लाने के अंतिम अवसर के रूप में देख रहे हैं. सियासत के जानकारों का मानना है कि सरकार इस सत्र में किसी बड़े कदम की घोषणा कर मतदाताओं को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर सकती है. बता दिया जाए कि नई संसद में सदस्यों के बैठने के लिए ज्यादा स्थान बनाया गया है. ऐसे में यह भी एक इशारा है कि सीटों को बढ़ाकर सदस्यों की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है. यदि ऐसा होता है तो प्रधानमंत्री अपने विशेष समर्थक वर्ग महिलाओं को अपने पाले में और ज्यादा मजबूती के साथ ला सकते हैं. जो अगले लोकसभा चुनाव में निर्णायक साबित हो सकता है.