Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर संसद में आज होगा महासंग्राम, सरकार vs विपक्ष के बीच टकराव तय! जानिए क्या है समीकरण
Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर संसद में आज (2 अप्रैल 2025) हंगामा और तीखी बहस के आसार हैं। लोकसभा में आज इस विधेयक को पेश किया जाएगा, जबकि गुरुवार (3 अप्रैल) को राज्यसभा में इस पर चर्चा होगी।
Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर संसद में आज (2 अप्रैल 2025) हंगामा और तीखी बहस के आसार हैं। लोकसभा में आज इस विधेयक को पेश किया जाएगा, जबकि गुरुवार (3 अप्रैल) को राज्यसभा में इस पर चर्चा होगी। दोनों सदनों में इसके लिए 8-8 घंटे की चर्चा तय की गई है। केंद्र की भाजपा नीत सरकार इसे पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है, वहीं विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' इसे असंवैधानिक करार देकर इसका कड़ा विरोध कर रहा है। इस मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर सियासी घमासान चरम पर पहुंच गया है।
विपक्ष की रणनीति
विपक्षी दलों ने मंगलवार को संसद भवन में बैठक कर विधेयक के खिलाफ रणनीति बनाई। इस बैठक में कांग्रेस के राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, सपा के राम गोपाल यादव, राकांपा की सुप्रिया सुले, तृणमूल के कल्याण बनर्जी, आप के संजय सिंह, द्रमुक के टीआर बालू, तिरुचि शिवा, कनिमोई, राजद के मनोज झा, माकपा के जॉन ब्रिटास, भाकपा के संदोष कुमार पी, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और वाइको शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, "सभी विपक्षी दल एकजुट हैं और मोदी सरकार के इस असंवैधानिक एजेंडे को संसद में हराएंगे।" राहुल गांधी ने भी इसे संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि विपक्ष इस पर विस्तृत चर्चा चाहता है।
केसी वेणुगोपाल ने विधेयक को "लक्षित (Targeted) और असंवैधानिक (Unconstitutional)" करार देते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 का उल्लंघन करता है। उन्होंने मुनंबम (केरल) में वक्फ भूमि विवाद और ईसाई समुदाय की चिंताओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन मुद्दों का समाधान जरूरी है। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, "हम चर्चा और वोटिंग में हिस्सा लेंगे, लेकिन भाजपा हमें बोलने नहीं देना चाहती।" राजद के मनोज झा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार विपक्ष को दबाने की कोशिश करेगी, तो उसे विधेयक वापस लेना पड़ेगा।
विधेयक का विवादास्पद मुद्दा
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 में कई बदलाव प्रस्तावित हैं, जिनमें वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति, संपत्ति विवाद में सरकारी अधिकारी की भूमिका और 'वक्फ बाय यूजर' प्रावधान को हटाना शामिल है। विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है और संविधान के मूल ढांचे को कमजोर करता है। केरल के एर्नाकुलम जिले में 400 एकड़ जमीन को लेकर वक्फ बोर्ड और कब्जाधारकों के बीच चल रहा विवाद भी इस बहस को हवा दे रहा है।
सत्तापक्ष की तैयारी
एनडीए गठबंधन में भाजपा (240 सांसद), तेलुगुदेशम पार्टी (16), जनता दल-यूनाइटेड (12), शिवसेना (7) और लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (5) ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर विधेयक के समर्थन में वोटिंग के लिए तैयार रहने को कहा है। लोकसभा में एनडीए के 293 सांसद हैं, जो बहुमत (272) से कहीं ज्यादा है। हालांकि, जदयू जैसे कुछ सहयोगी दलों ने अंदरखाने मामूली संशोधन की मांग की है। सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी और कुशल बनाएगा।
लोकसभा में आज दोपहर 12 बजे विधेयक पेश होने के बाद तीखी बहस तय है। विपक्ष इसे हर हाल में रोकना चाहता है, लेकिन एनडीए की संख्या बल के आगे उसकी राह मुश्किल दिख रही है। राज्यसभा में भी एनडीए के पास 125 सांसदों का समर्थन है, जो बहुमत (118) से अधिक है। ऐसे में विधेयक के पारित होने की संभावना प्रबल है। लेकिन विपक्ष का विरोध और सड़क पर प्रदर्शन इसे सियासी मुद्दा बना सकते हैं। क्या यह विधेयक पास होगा या विपक्ष इसे रोक पाएगा? नजरें संसद पर टिकी हैं।