Supreme Court News: ऑपरेशन सिंदूर का हवाला बेअसर, सुप्रीम कोर्ट ने कमांडो को सुनाई सख्ती, पत्नी की हत्या का दोषी ब्लैक कैट कमांडो को दो हफ्ते में आत्मसमर्पण का आदेश
पत्नी की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए ब्लैक कैट कमांडो की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता कमांडो को सरेंडर करने कहा है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आपरेशन सिंदूर में सेवा देने का जिक्र किया है। कोर्ट ने कहा कि इससे छूट नहीं मिलेगी। कानून में दिए गए प्रावधान के तहत अदालत के सामने सरेंडर करना होगा।
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दिल्ली। पत्नी की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए ब्लैक कैट कमांडो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सरेंडर से छूट मांगी थी। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने कहा है। याचिकाकर्ता कमांडो ने अपनी याचिका में आपरेशन सिंदूर के दौरान सेवा देने का हवाला दिया है। कोर्ट ने कहा कि इसके बाद भी कोई रियायत नहीं मिलेगी।
जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस विनोद चंद्रन की डिवीजन बेंच में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने विशेष अनुमति याचिका SLP दायर की थी। याचिकाकर्ता कमांडो ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका के लंबित रहने तक सरेंडर करने से छूट की मांग की थी। बात दें कि हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। याचिकाकर्ता ने एसएलपी में कहा कि मैं ऑपरेशन सिंदूर का भागीदार हूं। बीते 20 वर्षों से मैं राष्ट्रीय राइफल्स में ब्लैक कैट कमांडो के तौर पर तैनात हूं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे आपको घर पर अत्याचार करने की छूट नहीं मिल जाती। इससे पता चलता है कि आप शारीरिक रूप से कितने स्वस्थ हैं और आप अकेले किस तरह से अपनी पत्नी की हत्या कर सकते हैं, अपनी पत्नी का गला घोंट सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को गंभीर अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को सरेंडर करने का आदेश दिया। सरेंडर करने के लिए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा समय दिए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है। दो सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को अदालत के सामने सरेंडर करना होगा।