South Korea Martial Law: 6 घंटे बाद ही हटा मार्शल लॉ, दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति झुके, राष्ट्रपति पर चल सकता है महाभियोग
South Korea Martial Law: दक्षिण कोरिया में मंगलवार रात को राजनीतिक उधल-पुथल के बीच राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा लगाए गए आपातकालीन मार्शल लॉ को बुधवार सुबह हटा दिया गया।
South Korea Martial Law: दक्षिण कोरिया में मंगलवार रात को राजनीतिक उधल-पुथल के बीच राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा लगाए गए आपातकालीन मार्शल लॉ को बुधवार सुबह हटा दिया गया। राष्ट्रपति योल ने विपक्षी दलों पर शासन को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार रात को अचानक मार्शल लॉ की घोषणा कर दी थी। इसके बाद संसद ने मार्शल लॉ को हटाने के लिए राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ मतदान किया। बुधवार सुबह 4:30 बजे कैबिनेट बैठक के बाद इसे हटा लिया गया।
राष्ट्रपति योल द्वारा राष्ट्र के नाम संदेश में अचानक मार्शल लॉ की घोषणा की गई थी, जिसके बाद नाराज लोगों ने संसद के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान नेशनल असेंबली परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों की दक्षिण कोरिया के सैनिकों से भिड़ंत हुई। इसके बाद 300 सदस्य वाली संसद को बुलाकर मतदान कराया गया, जिसमें 190 सांसदों ने मार्शल लॉ के खिलाफ मतदान किया। स्पीकर वू वोन शिक ने घोषणा की कि कानून अमान्य है।
राष्ट्रपति योल ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि उत्तर कोरिया से सहानुभूति रखने वाला विपक्षी दल संसद को नियंत्रित करके राज्य-विरोधी गतिविधियों के जरिए सरकार को पंगु बनाना चाहता है। उन्होंने उत्तर कोरिया समर्थक ताकतों को खत्म करने और संवैधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा कि नेशनल असेंबली अपराधियों के लिए आश्रय स्थल और विधायी तानाशाही का अड्डा बन गया है, जो न्यायिक और प्रशासनिक प्रणालियों को कमजोर करना चाहती है।
मार्शल लॉ लागू होने के बाद राष्ट्रपति संसद और राजनीतिक दलों द्वारा विरोध-प्रदर्शन और गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाते और मीडिया को सरकारी नियंत्रण में रखा जाता। इसके अलावा पूरे देश या कुछ क्षेत्र में तमाम तरह के अधिकार सेना को दे दिए जाते।
संसद द्वारा मार्शल लॉ को खारिज करने के बाद नेशनल असेंबली के बाहर जमा प्रदर्शनकारियों ने खुशी मनाई और "हम जीत गए" के नारे लगाए। भले ही मार्शल लॉ हटा दिया गया हो, लेकिन दक्षिण कोरिया की प्रमुख विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति को इस्तीफा देना या फिर महाभियोग का सामना करने को कहा है। पार्टी ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ की घोषणा संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है और विद्रोह का गंभीर कृत्य है।
दक्षिण कोरिया में इससे पहले और इतिहास में आखिरी बार 1980 में मार्शल लॉ लगाया गया था, जिसकी घोषणा तत्कालीन राष्ट्रपति चोई क्यू-हाह ने की थी। मार्शल लॉ तब छात्रों और श्रमिक संघों द्वारा देशव्यापी विद्रोह के कारण लगाया गया था। हालांकि, 1980 के बाद ऐसी स्थिति नहीं देखी गई। दक्षिण कोरिया संविधान के अनुसार राष्ट्रपति सिर्फ युद्धकाल, युद्ध जैसी स्थितियों, अन्य तुलनीय आपातकालीन स्थितियों में ही मार्शल लॉ लगा सकता है, जिसमें शांति के लिए सैन्य बल जरूरी है।