Sitaram Yechury Passed Away: सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी का निधन, 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में ली आखिरी सांस

Sitaram Yechury Passed Away: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया। वे एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित थे और 19 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किए गए थे।

Update: 2024-09-12 11:14 GMT

Sitaram Yechury Passed Away: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया। वे एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित थे और 19 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किए गए थे। उनकी तबीयत में सुधार न होने के कारण उन्हें पिछले दिन वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। सीताराम येचुरी की आयु 72 वर्ष थी।

सीताराम येचुरी का जन्म 1952 में मद्रास (अब चेन्नई) में तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे और मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की। 1975 में वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने।

राजनीतिक करियर

1975 में जेएनयू में पढ़ाई के दौरान सीताराम येचुरी को इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार किया गया था। कॉलेज के समय से ही वे राजनीति में सक्रिय थे और तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आवास के बाहर पर्चा पढ़ने के कारण सुर्खियाँ बटोरीं।

सीताराम येचुरी ने भारतीय राजनीति में अपनी विशेष पहचान बनाई, विशेषकर गठबंधन राजनीति में। वे पूर्व महासचिव हरकिशन सिंह सुरजीत की गठबंधन-निर्माण विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध हैं। 1996 में उन्होंने संयुक्त मोर्चा सरकार के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का मसौदा तैयार करने में पी. चिदंबरम की मदद की और 2004 में यूपीए सरकार के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सीताराम येचुरी के निधन पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शोक जताया। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे। वे देश के विचारों के रक्षक और देश की गहरी समझ रखने वाले व्यक्ति थे। हम लोग लंबी चर्चा किया करते थे। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना।"

सीताराम येचुरी की राजनीति में योगदान और उनके विचारों की गहरी समझ उन्हें भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बनाती है। उनके निधन से एक बड़े राजनीतिक और वैचारिक void का निर्माण हुआ है।

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