SIM Box Scam : सावधान : सिम बॉक्स स्कैम से खाली हो सकता है आपका बैंक खाता : जानें कैसे काम करता है यह इंटरनेशनल फ्रॉड नेटवर्क
डिजिटल युग में साइबर अपराधी नित नए तरीकों से लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं, और इसी कड़ी में सिम बॉक्स स्कैम एक बड़े खतरे के रूप में उभरकर सामने आया है।
SIM Box Scam : सावधान : सिम बॉक्स स्कैम से खाली हो सकता है आपका बैंक खाता : जानें कैसे काम करता है यह इंटरनेशनल फ्रॉड नेटवर्क
SIM Box Fraud Awareness : नई दिल्ली/नोएडा। डिजिटल युग में साइबर अपराधी नित नए तरीकों से लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं, और इसी कड़ी में सिम बॉक्स स्कैम एक बड़े खतरे के रूप में उभरकर सामने आया है। हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ जैसे शहरों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है, जिसमें 21,000 से अधिक अवैध सिम कार्ड और सिम बॉक्स डिवाइस जब्त किए गए हैं। यह कार्रवाई इस बात की पुष्टि करती है कि भारत में एक बहुत बड़ा और संगठित नेटवर्क सक्रिय है जो अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के साथ मिलकर आम नागरिकों को वित्तीय नुकसान पहुँचाने का काम कर रहा है। यह तकनीक न केवल दूरसंचार विभाग के नियमों का उल्लंघन करती है बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।
SIM Box Fraud Awareness : सिम बॉक्स दरअसल एक ऐसा उपकरण है जिसमें सैकड़ों सिम कार्ड एक साथ लगाए जा सकते हैं और इसे सर्वर के माध्यम से संचालित किया जाता है। ठग इस डिवाइस का उपयोग अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को स्थानीय कॉल्स के रूप में दिखाने के लिए करते हैं, जिससे न केवल टेलीकॉम कंपनियों को राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि कॉल ट्रेस करना भी लगभग नामुमकिन हो जाता है। इसके अलावा, इस सिस्टम का उपयोग रोजाना लाखों की संख्या में फर्जी एसएमएस (SMS) भेजने के लिए किया जाता है। इन संदेशों में फर्जी निवेश योजनाएं, बिना दस्तावेज के लोन या लॉटरी जीतने जैसे लुभावने झांसे दिए जाते हैं, जिनमें छिपे हुए मैलिशियस लिंक का उद्देश्य यूजर के फोन का एक्सेस प्राप्त करना या उनकी गोपनीय बैंकिंग जानकारी चुराना होता है।
इस घोटाले की कार्यप्रणाली बेहद जटिल है क्योंकि अपराधी अक्सर फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग करके थोक में सिम कार्ड खरीदते हैं। एक बार जब ये सिम कार्ड सिम बॉक्स डिवाइस में सक्रिय हो जाते हैं, तो अपराधी इनसे फिशिंग और अन्य साइबर हमलों को अंजाम देते हैं। सीबीआई की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि विदेशी हैकर्स भारतीय सिम कार्ड और इन गेटवे का उपयोग करके स्थानीय नागरिकों को निशाना बना रहे हैं, जिससे यह एक अंतरराष्ट्रीय फिशिंग ऑपरेशन बन गया है। जब कोई अनजाना व्यक्ति इन एसएमएस में दिए गए लिंक पर क्लिक करता है, तो वह अनजाने में अपनी निजी जानकारी और बैंकिंग एक्सेस अपराधियों को सौंप देता है, जिसके परिणामस्वरूप भारी वित्तीय चपत लगती है और पहचान की चोरी (ID Theft) का खतरा भी बढ़ जाता है।
इस तरह के परिष्कृत घोटालों से बचने के लिए नागरिकों को अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। किसी भी अनजान नंबर से आए टेक्स्ट मैसेज में दिए गए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें, चाहे वह कितना भी आकर्षक क्यों न लगे। हमेशा यह ध्यान रखें कि बैंक या सरकारी संस्थाएं कभी भी साधारण मोबाइल नंबर से संवेदनशील जानकारी नहीं मांगतीं। यदि आपको कोई संदिग्ध मैसेज प्राप्त होता है, तो भेजने वाले के नंबर की प्रामाणिकता की जांच करें और तुरंत इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों या साइबर सेल को दें। आपकी छोटी सी सावधानी और डिजिटल साक्षरता ही आपको इन शातिर ठगों के जाल में फँसने से बचा सकती है।