Sharda Sinha Passes Away: नहीं रहीं मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा, दिल्ली AIIMS में लीं अंतिम सांस

Sharda Sinha Death: जानी-मानी लोकगायिका और छठ गीतों की मशहूर आवाज़, शारदा सिन्हा का दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया।

Update: 2024-11-05 17:26 GMT

Sharda Sinha Death: जानी-मानी लोकगायिका और छठ गीतों की मशहूर आवाज़, शारदा सिन्हा का दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहीं शारदा सिन्हा ने आज रात 9.20 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें सेप्टीसीमिया के कारण रिफ्रैक्टरी शॉक आया, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई।

AIIMS में चल रहा था इलाज

शारदा सिन्हा को गंभीर स्थिति में एम्स में भर्ती किया गया था, जहां उनकी हालत में सुधार न होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे और उन्होंने उनके बेटे अंशुमान सिन्हा से फोन पर हालचाल जाना। शारदा सिन्हा को मल्टीपल मायलोमा (बोन मैरो कैंसर) से जूझ रही थीं।

उनके निधन की खबर से बिहार समेत पूरे देश में शोक की लहर है। उनके प्रशंसक और चाहने वाले इस खबर से बेहद दुखी हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "छठ महापर्व को अपनी आवाज़ से सजाने वाली, हमारी सांस्कृतिक धरोहर शारदा सिन्हा जी अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनका योगदान हमारी संस्कृति के लिए अमूल्य है। उनकी आवाज़ हमेशा हमारे पर्वों और आस्थाओं में सजीव रहेगी।"

लोकगायिका के बेटे अंशुमन सिन्हा ने कुछ दिनों पहले अपने यूट्यूब चैनल पर बताया था, "यह खबर सच है, मां वेंटिलेटर पर हैं।" इसके बावजूद उन्होंने अपनी मां का एक नया छठ गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मईया' ऑडियो के रूप में रिलीज किया था, जो श्रोताओं के दिल को छू गया।

शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के समस्तीपुर में हुआ। मैथिली और भोजपुरी गानों में उनकी प्रस्तुति और दमदार आवाज़ ने उन्हें लोक संगीत का सबसे चर्चित चेहरा बना दिया। उनके सबसे चर्चित गीतों में विवाह गीत और छठ गीत शामिल हैं। उन्हें संगीत में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म श्री और पद्म भूषण से नवाज़ा गया। 1980 में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से करियर की शुरुआत करने वाली शारदा सिन्हा, अपनी गहरी और भावपूर्ण आवाज़ के लिए हमेशा याद की जाएंगी।

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