Satta King: मटका किंग रतन खत्री की कहानी और सट्टेबाजी की शुरुआत

Satta king | Satta Result | Sattaking | Satta King 786 | Satta Chart: मटका किंग के नाम से मशहूर रतन खत्री एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में रिलीज हुई कार्तिक आर्यन अभिनीत फिल्म "चंदू चैंपियन" में उनके किरदार ने फिर से लोगों का ध्यान खींचा।

Update: 2024-10-31 10:20 GMT

Satta king | Satta Result | Sattaking | Satta King 786 | Satta Chart | भारत में सट्टेबाजी के क्षेत्र में एक जाना-माना नाम रतन खत्री को मटका किंग के रूप में भी जाना जाता है। हाल ही में, कार्तिक आर्यन की फिल्म "चंदू चैंपियन" ने उनके किरदार को लेकर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। रतन खत्री ने सट्टेबाजी के खेल को भारत में एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया और इसके साथ ही इस क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई।

रतन खत्री और सट्टेबाजी का सफर

1947 में भारत विभाजन के दौरान पाकिस्तान से भारत आए रतन खत्री ने 1962 में मुंबई में सट्टेबाजी का एक अनोखा तरीका शुरू किया, जिसे मटका के नाम से जाना गया। मटका सट्टेबाजी का प्रारंभिक स्वरूप था जिसमें कपास की कीमतों पर दांव लगाया जाता था। न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज में शुरू हुआ यह खेल रतन खत्री के नेतृत्व में भारत में एक बड़े जुआ नेटवर्क के रूप में विकसित हुआ।

कल्याणजी भगत से रतन मटका की यात्रा

रतन खत्री शुरुआत में कल्याणजी भगत के साथ काम करते थे, जिन्हें वर्ली मटका के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। कुछ समय बाद खत्री ने अपना खुद का रतन मटका सेटअप शुरू किया और इस खेल को एक नया रूप दिया। उनके साथ कई मशहूर हस्तियां जुड़ीं, जिससे उन्हें "मटका किंग" के नाम से पहचान मिली।

संघर्ष और सफलता की कहानी

रतन खत्री का जीवन चुनौतियों से भरा रहा। भारत में आपातकाल के दौरान, उन्हें 19 महीने तक जेल में रहना पड़ा। इस कठिन समय के बावजूद, उन्होंने जुए के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए रखी और 1990 के दशक तक इस खेल में एक प्रमुख व्यक्ति बने रहे। 2020 में उनका निधन हो गया, लेकिन वे अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए जो आज भी लोगों को आकर्षित करती है।

मटका जुए का तंत्र और बदलाव

मटका के प्रारंभिक स्वरूप में कपास की कीमतों पर दांव लगाया जाता था, लेकिन 1960 के दशक के बाद इस खेल का तरीका बदल गया। खत्री ने ताश के पत्तों से नंबर चुनने की प्रक्रिया शुरू की, जिससे मटका एक नया रूप लेकर और भी लोकप्रिय हो गया।

रतन खत्री की अनोखी विरासत

रतन खत्री की कहानी सट्टेबाजी के क्षेत्र में नई सोच और साहस की प्रतीक है। उन्होंने सट्टेबाजी को नए आयाम दिए और अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया। उनकी इस विरासत ने न केवल इस खेल को लोकप्रिय बनाया बल्कि उनकी याद को भी जीवित रखा है।

डिस्क्लेमर: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। हम किसी भी प्रकार के सट्टा या जुआ खेलने को प्रोत्साहित नहीं करते हैं।

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