Delhi No Fuel Policy: जल्द लागू होगी नो फ्यूल पॉलिसी: इन्हें नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, पहले से और सख्त होंगे नियम, कटेगा लंबा चालान
Nahi Milega Petrol-Diesel: नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 पुराने पेट्रोल वाहन माहिलों को थोड़ी राहत जरुर मिली है, लेकिन यह राहत सिर्फ 1 नवंबर 2025 तक ही सीमित है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक के बाद दिशा (Direction) 89 में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया है कि End of Life (EoL) वाहनों के खिलाफ ईंधन रोकने (No Fuel Policy) और चालान की कार्रवाई अब 1 नवंबर से लागू होगी।
Nahi Milega Petrol-Diesel: नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 पुराने पेट्रोल वाहन माहिलों को थोड़ी राहत जरुर मिली है, लेकिन यह राहत सिर्फ 1 नवंबर 2025 तक ही सीमित है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक के बाद दिशा (Direction) 89 में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया है कि End of Life (EoL) वाहनों के खिलाफ ईंधन रोकने (No Fuel Policy) और चालान की कार्रवाई अब 1 नवंबर से लागू होगी। तो चलिए जानते हैं की यह नियम कहां-कहां लागू होगा और क्या है इसका उद्देश्य?
ये है नया फैसला
जानकारी के मुताबिक, यह नियम दिल्ली के अलावा NCR के प्रमुख जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, सोनीपत और गौतमबुद्ध नगर में एक साथ प्रभावी होगा। नए नियम के तहत 1 नवंबर 2025 से 10 पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन में यह नियम (No Fuel Policy) लागू होगी, जिन्हें फ्यूल स्टेशन पर पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा (Nahi Milega Petrol-Diesel)। इसके साथ ही यदि ऐसे वाहन सड़कों पर दिखाए दिए तो उनके खिलाफ 10 000 रुपए का चालान किया जाएगा।
CAQM ने क्यों टाला निर्णय?
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने यह फैसला अचानक नहीं लिया है बल्कि 1 जुलाई 2025 से ही दिल्ली में पुराने वाहनों को फ्यूल (Delhi No Fuel Policy) देना बंद कर दिया गया था। साथ ही जुर्माना भी शुरु कर दिया गया था। इससे लोगों में भारी असंतोष फैल गया और विरोध भी बढ़ने लगा। दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि इस योजना को अन्य NCR शहरों के साथ ही 1 नवंबर 2025 से लागू किया जाए, ताकि सभी राज्यों में सामान रूप से नियम प्रभावी हो और तकनीकी व व्यावहारिक चुनौतियों को सुलझाने का समय भी मिल सके। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने इन बिंदुओं को मानते हुए योजना को कुछ महिनों के लिए स्थगित किया है ताकि राज्य सरकारे और पेट्रोल पंप ऑपरेटर आवश्यक तैयारियां पूरी कर सकें।
प्रभाव और उद्देश्य
इस निति का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाना है। पुराने वाहनों से निकलने वाला धुआं वायुमंडल को सबसे ज्यादा प्रदूषित करता है।आयोग का मानना है कि यदि इन वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा तो वे स्वतः सड़क से हट जाएंगे और हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
क्या है Direction 89?
बता दें कि Direction 89 वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) का वह आदेश है, जिसके तहत पुराने वाहनों को रजिस्ट्रेशन की समयसीमा पार करने के बाद संचालन से रोका जाता है। यह पहले से ही कानूनी रूप से प्रभावी है, लेकिन अब इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए फ्यूल बंदी और जुर्माना जैसी सख्त कार्रवाई को जोड़ा गया है।