Parliament Session 2024: गौतम अडाणी को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा, राहुल गांधी ने की गिरफ्तारी की मांग
Parliament Session 2024: कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर उद्योगपति गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग उठाई। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अडानी को बचाने की कोशिश कर रही है।
Parliament Session 2024: कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर उद्योगपति गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग उठाई। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अडानी को बचाने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी ने कहा कि अडानी को अमेरिका में हजारों करोड़ रुपये की अनियमितताओं के मामले में आरोपित किया गया है और इसलिए उन्हें जेल में होना चाहिए।
राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "क्या आपको लगता है कि अडानी अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार करेंगे? निश्चित तौर पर वह इनकार करेंगे, लेकिन उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।" राहुल ने यह भी कहा कि "छोटे-छोटे मामलों में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन इस सज्जन को जो अमेरिका में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं में आरोपित हैं, सरकार उनकी रक्षा कर रही है।"
अडानी समूह ने आरोपों को नकारा
इस बीच, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप हैं, जिनमें मौद्रिक दंड लगाया जा सकता है। राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार अडानी की गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें एक बार फिर से निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रही है।
जेपीसी की मांग को लेकर राज्यसभा में हंगामा
अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए कांग्रेस और विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्यसभा में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन करने की मांग की। इस पर हंगामा होने के कारण उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ समय बाद ही 11.30 बजे तक स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने अदाणी समूह के कथित भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए जेपीसी गठित करने का नोटिस दिया था। इसके जवाब में, सभापति जगदीप धनखड़ ने सभी नोटिसों को अस्वीकार कर दिया और कहा कि यह मामले अन्य प्रावधानों के तहत उठाए जा सकते हैं। इसके बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्य सदन में विरोध जताने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।