Pandit Pradeep Mishra News: नाक रगड़कर पंडित प्रदीप मिश्रा ने मांगी माफी, जानिए क्या था मामला और क्यों राधारानी के सामने होना पड़ा दंडवत...

Pandit Pradeep Mishra News: मध्य प्रदेश (सीहोर) के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधारानी पर विवादित बयान देने के बाद श्री राधारानी मंदिर बरसाना पहुंचकर माफी मांगी है. श्री राधारानी को दंडवत प्रणाम कर नाक रगड़ी और कर माफी मांगी.

Update: 2024-06-29 11:52 GMT

Pandit Pradeep Mishra News: मध्य प्रदेश (सीहोर) के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधारानी पर विवादित बयान देने के बाद श्री राधारानी मंदिर बरसाना पहुंचकर माफी मांगी है. श्री राधारानी को दंडवत प्रणाम कर नाक रगड़ी और कर माफी मांगी. 

पंडित प्रदीप मिश्रा ने मांगी माफ़ी

शनिवार यानी आज शिव कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा श्री राधा रानी के मंदिर बरसाना पहुंचे. वहां उन्होंने हाथ जोड़कर ब्रज वासियों का अभिनंदन किया. उसके बाद राधा रानी के दरबार में गए. प्रदीप मिश्रा ने राधारानी को प्रणाम कर क्षमा मांगी. उन्हें दंडवत प्रणाम किया. उसके बाद नाक रगड़कर राधारानी से क्षमा मांगते हुए कहा "राधारानी मेरी ईष्ट हैं" . दर्शन के बाद उन्होंने कहा, 'लाडली जी ने खुद इशारा करके बुलाया है....मेरे शब्दों से जो चोट पहुंची उसके लिए क्षमा चाहता हूं' 

प्रदीप मिश्रा बरसाना में 5 मिनट तक रहे. ब्रजवासियों में प्रदीप मिश्रा को लेकर नारजगी देखि जा रही थी. वहीँ उनके खिलाफ विरोध को देखते हुए मंदिर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. 

महापंचायत ने दी थी चेतावनी  

दरअसल, बीते दिनों ब्रज में ब्रज वासियों द्वारा महापंचायत बुलाई गई थी. जिसमे महापंचायत रमेश बाबा के सान्निध्य में ब्रज के साधु संत व ब्रजवासी मौजूद थे. जिसमे कथावाचक प्रदीप मिश्रा के बयान का विरोध जताया और सम्पूर्ण ब्रज मण्डल में उनका प्रवेश निषेध कर दिया गया था. वहीँ माफी मांगने को कहा गया था. साधु संतों ने चेतावनी दी थी कि अगर प्रदीप मिश्रा ने राधारानी पर की गई बयान को लेकर माफी नहीं मांगी तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

जानिए क्या था विवाद

अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने ओंकारेश्वर में अपने प्रवचन के दौरान अपनी एक कथा में लोगो से पूछा था कि राधारानी कहाँ की है तो सभी ने कहा था राधारानी बरसाना की है. इस पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था राधा जी बरसाना की नहीं रावल गांव की रहने वाली हैं. राधा जी की शादी छात्रा गांव में हुई थी. उन के पति का नाम अनय घोष है. राधारानी की सास का नाम जटिला था और उनकी ननद का नाम कुटिला था. भगवान श्रीकृष्ण की 16 हजार रानियों में राधा का नाम नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा बरसाना में राधा जी के पिता की कचहरी थी. जहां वह साल में एक बार आती थीं. इसलिए उसे बरसाना कहते हैं.

पंडित मिश्रा के इस बयान के बाद प्रेमानंद महाराज ने जमकर नाराजगी जताई थी. उन्होंने पंडित मिश्रा के लिए कहा, ''कभी बरसाना गए हो, कभी देखे हो'' तुम क्या जानते हो, राधा रानी जी के बारे में ऐसा मत बोलो उनकी शक्ति नहीं जानते हो.'' तुम अभी राधा को जानते ही कितना हो. चार श्लोक पढ़कर तुम खुद को कथावचक कहते हो. तुमने कितनी ग्रन्थ पढ़ी हैं. ये गलत बातें फैलाना बंद करो, नहीं तो किसी काम के नहीं रह जाओगे. राधा जी बहुत भोली हैं, लेकिन उनके सेवक काल हैं. 

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