Online Gaming Bill 2025 Explained: Dream11, MPL, Rummy जैसे खेल बैन? संसद में पेश हुआ नया बिल, इन पर भी गिरेगी गाज! सिम्पल भाषा में जानिए ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 क्या है

Online Gaming Bill 2025: ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 संसद में पेश। रियल-मनी गेम्स पर बैन, सेलेब्स-इन्फ्लुएंसर्स पर भारी जुर्माना और जेल की सजा। जानिए क्या बदल जाएगा।

Update: 2025-08-20 13:35 GMT

Online Gaming Bill 2025: भारत सरकार ने तेजी से बढ़ रही रियल-मनी ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर सख्त कार्रवाई का मन बना लिया है। इसी कड़ी में मंगलवार को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग (प्रोत्साहन और विनियमन) विधेयक, 2025 पेश किया गया। सरकार का कहना है कि यह बिल राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक हित के लिए जरूरी है। इसमें रियल-मनी गेम्स पर प्रतिबंध, प्लेटफॉर्म्स और उनके प्रमोटर्स पर भारी जुर्माने और यहां तक कि जेल की सजा के प्रावधान रखे गए हैं।

क्या है बिल में?

  • किसी भी ऑनलाइन मनी गेम को भारत में ऑफर करना अपराध माना जाएगा।
  • उल्लंघन करने पर 3 साल तक जेल और 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना।
  • प्लेटफॉर्म्स को प्रमोट करने वाले सेलेब्रिटीज़ और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स पर 50 लाख जुर्माना और 2 साल जेल तक की सजा।
  • बैंकों और फाइनेंशियल संस्थानों को इन प्लेटफॉर्म्स के साथ कोई भी लेन-देन की अनुमति नहीं।
  • अधिकृत अधिकारियों को किसी भी भौतिक या डिजिटल जगह पर बिना वारंट तलाशी का अधिकार।

क्यों लाया गया कानून?

सरकार का कहना है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग लगातार मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी, नशे की लत और आतंकवाद के फंडिंग से जुड़ा रहा है। कई ऑफशोर कंपनियां भारतीय टैक्स और कानून से बचकर यहां कारोबार कर रही हैं। बिल का मकसद इन खतरों को रोकना और गेमिंग इंडस्ट्री में पारदर्शिता लाना है।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर असर

भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री 2029 तक 9 अरब डॉलर (लगभग 2 लाख करोड़ रुपये) की होने का अनुमान है। इसमें 2 लाख से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरी कर रहे हैं। लेकिन इस बिल के लागू होने से Dream11, MPL, Winzo जैसे रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर सीधा असर पड़ेगा। उद्योग संघों जैसे ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF), ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) ने इसे "इंडस्ट्री के लिए मौत की घंटी" बताया है।

टैक्स और राजस्व पर असर

वर्तमान में इस इंडस्ट्री से 28% जीएसटी वसूला जा रहा है। 2023 में जब जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर टैक्स लगाया तो सिर्फ छह महीने में राजस्व 412% बढ़कर 6,909 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। अगर बिल लागू हो गया तो सरकार को टैक्स रेवेन्यू में नुकसान हो सकता है, लेकिन गृह मंत्रालय का कहना है कि "जनहित और राष्ट्रीय सुरक्षा" इसके लिए कहीं ज्यादा अहम है।

क्या ई-स्पोर्ट्स पर भी होगा बैन?

नहीं। सरकार ने साफ किया है कि कम्पेटिटिव ई-स्पोर्ट्स और गेम डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। इन्हें वैध प्रतिस्पर्धी खेल माना जाएगा। इसके लिए एक केंद्रीय प्राधिकरण बनाया जाएगा जो ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को मान्यता और पंजीकरण देगा।

क्या कहता है विपक्ष 

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि बिना इंडस्ट्री की सलाह लिए यह बिल लाना गलत है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह कदम यूजर्स को डार्क वेब और अवैध प्लेटफॉर्म्स की ओर धकेल सकता है। विपक्ष ने इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की है।

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 भारत में गेमिंग इंडस्ट्री की तस्वीर बदल सकता है। रियल-मनी गेम्स पर रोक से लाखों यूजर्स और करोड़ों के कारोबार पर असर पड़ेगा। अब सबकी निगाहें संसद पर ठहर गई हैं हैं कि यह बिल पास होता है या फिर इसमें बड़े बदलाव किए जाते हैं।

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