Noida Authority Noticed : टि्वन टावर की जमीन पर RWA ने किया पौधरोपण, नोएडा अथॉरिटी ने भेजा नोटिस

Noida Authority Noticed : 28 अगस्त 2022 को सुपरटेक के ट्विन टावर को गिरा दिया गया था। उसके बाद से यह जमीन खाली है। अब इस जमीन पर आरडब्ल्यूए की तरफ से विजयपथ का बोर्ड लगाया गया है और पौधारोपण किया गया है...

Update: 2023-08-30 08:42 GMT

Noida News 

Noida Authority Noticed : 28 अगस्त 2022 को सुपरटेक के ट्विन टावर को गिरा दिया गया था। उसके बाद से यह जमीन खाली है। अब इस जमीन पर आरडब्ल्यूए की तरफ से विजयपथ का बोर्ड लगाया गया है और पौधारोपण किया गया है। जिसके बाद नोएडा अथॉरिटी ने आरडब्ल्यूए को नोटिस जारी किया है।

नोटिस के जरिए कहा गया है कि यह जमीन अभी सुपरटेक की है। इस पर किसी का भी मालिकाना हक नहीं है। इस नोटिस में साफ है कि प्राधिकरण की ओर से लीज पर दी गई भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण, विकास कार्य शुरू करने से पहले नियम के अनुसार प्राधिकरण की अनुमति लेनी चाहिए।

इस भूमि को सुपरटेक लिमिटेड की ओर से हैंड ओवर नहीं किया गया है। इस पर किसी भी प्रकार का निर्माण विकास कार्य, जिसमें पौधरोपण तक शामिल है नहीं किया जा सकता है।

प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक देवेंद्र निगम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सोसाइटी में बने टि्वन टावर को 28 अगस्त 2022 को ध्वस्त किया गया। इसके बाद मलबा हटा दिया गया। खाली जमीन 5 मई 2023 को सुपर टेक लिमिटेड को हैंड ओवर कर दी गई।

8 अगस्त 2023 को सुपर टेक ने प्राधिकरण को अवगत कराया कि जिस भूमि पर टि्वन टावर था, उसका मालिकाना हक सुपर टेक लिमिटेड के पक्ष में है। वर्तमान में कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी प्रॉसेस में है। इस भूमि को इकोरवा को हैंड ओवर नहीं किया गया है।

सुपरटेक लिमिटेड ने यह भी कहा है कि एनसीएलटी ने अपने आदेश (25 मार्च 2022 को) में कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू की गई। इसके बाद भी 13 अगस्त 2023 को सोसाइटी के लोगों ने पौधरोपण शुरू कर दिया।

प्राधिकरण ने सुपरटेक लिमिटेड के पत्र का संज्ञान लेते हुए एमराल्ड कोर्ट के आरडब्ल्यूए को नोटिस जारी किया। इस मामले में एमराल्ड कोर्ट ऑनर्स रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट यूबीएस तेवतिया ने बताया कि जमीन सोसाइटी आरडब्ल्यूए की है। ये कॉमन एरिया है। हम इसे पार्क में तब्दील करेंगे। बिल्डर ने सोसाइटी हैंडओवर कर दी है। अब इस जमीन का उससे कोई मतलब नहीं है। अगर जमीन पर स्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा तो प्राधिकरण से अनुमति ली जाएगी।

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